1. अमेरिका (United States) – तकनीकी महारथ का बादशाह
अमेरिका दुनिया का सबसे आधुनिक और उन्नत मिसाइल प्रणाली वाला देश है। उसकी "Patriot", "Tomahawk", "Minuteman III", और हालिया "Hypersonic" मिसाइलें किसी भी लक्ष्य को सटीकता से भेदने की क्षमता रखती हैं। अमेरिका की मिसाइलें केवल शक्ति प्रदर्शन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह टेक्नोलॉजी, निगरानी और रक्षात्मक सुरक्षा का अनोखा मेल भी प्रस्तुत करती हैं।
2. रूस (Russia) – अचूकता और विविधता में अग्रणी
रूस ने शीत युद्ध के दौर से ही मिसाइल तकनीक में जबरदस्त निवेश किया है। उसकी "S-400" और "S-500" एयर डिफेंस सिस्टम, साथ ही "Iskander", "Kalibr", और "Avangard" हाइपरसोनिक मिसाइलें विश्व में सबसे खतरनाक और उन्नत मानी जाती हैं। रूस की खासियत यह है कि वह आक्रामक और रक्षात्मक दोनों स्तरों पर संतुलित मिसाइल तंत्र रखता है।
3. चीन (China) – तेजी से उभरती महाशक्ति
चीन ने बीते कुछ दशकों में मिसाइल निर्माण में चौंकाने वाली प्रगति की है। उसकी "DF-21D", "DF-41" और "YJ-21" मिसाइलें अमेरिका और रूस को टक्कर देती हैं। चीन का मुख्य फोकस एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें और हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी पर है, जिससे वह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त बनाना चाहता है।
4. भारत (India) – स्वदेशी तकनीक की मिसाल
भारत ने DRDO के नेतृत्व में स्वदेशी मिसाइल प्रणाली विकसित की है, जिनमें "अग्नि", "पृथ्वी", "नाग", "आकाश", और "ब्रह्मोस" जैसी मिसाइलें शामिल हैं। खासतौर पर ब्रह्मोस, जो रूस के सहयोग से बनी है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। भारत अब हाइपरसोनिक और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
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