भारत के तेजस, सुखोई और मिग में लगेगा ये किलर वेपन

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में लगातार इज़ाफा कर रही है और अब वह अपने प्रमुख लड़ाकू विमानों को एक घातक स्वदेशी हथियार से लैस करने जा रही है। यह हथियार है — स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW), जिसे DRDO ने पूरी तरह देश में विकसित किया है।

यह हल्का, सटीक और घातक प्रिसिजन बम अब सुखोई Su-30 MKI, मिग-29, और LCA तेजस जैसे फाइटर जेट्स के साथ इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिससे भारत की हवाई युद्ध क्षमता को एक नई धार मिल रही है। इससे भारत की ताकत में भी वृद्धि होगी।

क्या है SAAW?

SAAW (Smart Anti-Airfield Weapon) एक 125 किलोग्राम वजनी स्मार्ट हथियार है, जिसे मुख्यतः दुश्मन के हवाई अड्डों, रनवे, बंकरों, रडार स्थलों और एयरक्राफ्ट शेल्टर्स को ध्वस्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसे काफी दूरी से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे हमारे पायलट दुश्मन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए बिना ही टारगेट को तबाह कर सकते हैं।

SAAW की खासियतें

1 .लॉन्ग-रेंज अटैक: SAAW 100 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी से हमला करने में सक्षम है। इस दूरी से हमला करने की क्षमता इसे बेहद सुरक्षित और रणनीतिक बनाती है।

2 .प्रिसिजन स्ट्राइक: यह हथियार सैटेलाइट-आधारित नेविगेशन प्रणाली और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सीकर के कॉम्बिनेशन से काम करता है। इसकी मारक सटीकता लगभग 3 मीटर तक की है, यानी लक्ष्य को बिना चूके तबाह करना।

3 .लाइटवेट लेकिन डेडली: 125 किलोग्राम का यह स्मार्ट बम पारंपरिक भारी बमों के मुकाबले कहीं अधिक स्मार्ट और फ्लेक्सिबल है, जिससे इसे विभिन्न फाइटर जेट्स में आसानी से लगाया जा सकता है।

4 .दुश्मन के रनवे को निष्क्रिय करने की क्षमता: SAAW खासतौर पर एयरफील्ड डिसएबलमेंट के लिए तैयार किया गया है। यह दुश्मन की वायु शक्ति को बिना सीधी टक्कर दिए पहले ही पंगु बना सकता है।

भविष्य की योजनाएं: रेंज और क्षमता में इजाफा

हालांकि वर्तमान में SAAW की रेंज 100 किलोमीटर के आसपास है, लेकिन DRDO अब इसकी रेंज को 150 से 200 किलोमीटर तक बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके साथ ही भविष्य में इसे नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर के लिए और अधिक उपयुक्त बनाने, मल्टी-मोड सीकर्स और AI-आधारित टारगेटिंग सिस्टम से लैस करने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।

0 comments:

Post a Comment