8वें वेतन आयोग का महत्व
वेतन आयोग का काम होता है कि वह मौजूदा आर्थिक स्थिति, महंगाई, काम की प्रकृति और सरकारी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन करे। पिछला 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और उसके बाद से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में काफी स्थिरता रही। अब 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बड़ा बदलाव आ सकता है।
2.86 फिटमेंट फैक्टर का प्रस्ताव
नेशनल काउंसिल- ज्वाइंट कंसल्टेटिव मैकेनिज्म (NC-JCM) ने 8वें वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) में 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग की है। फिटमेंट फैक्टर का मतलब है मौजूदा वेतन से वेतन वृद्धि का गुणक। अगर सरकार इस 2.86 फिटमेंट फैक्टर को स्वीकार करती है, तो इसका मतलब होगा कि कर्मचारियों की सैलरी में लगभग तीन गुना (2.86 गुना) की बढ़ोतरी होगी। इससे न केवल कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ेगी, बल्कि पेंशन और अन्य भत्ते भी इसके अनुसार बढ़ेंगे।
LDC कर्मचारियों की सैलरी में कितना होगा इजाफा?
लोअर डिविजन क्लर्क (LDC) और लेवल-2 के कर्मचारियों की सैलरी में सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है। वर्तमान में लेवल-2 के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत लगभग ₹19,900 प्रति महीना वेतन मिलता है।अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो उनकी सैलरी ₹51,480 से बढ़कर लगभग ₹57,000 प्रति महीना हो जाएगी। यानी लगभग ₹37,000 की बढ़ोतरी होगी, जो कि एक बड़ा सुधार माना जाएगा।
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