लखनऊ आरटीओ की जांच में सामने आया है कि इस स्थिति में कई वाहन मालिकों पर भारी टैक्स और जुर्माना बकाया हो गया है। कुछ वाहनों पर यह बकाया 20 लाख से 26 लाख रुपये तक पहुँच चुका है। कुल मिलाकर अब तक उम्र पूरी कर चुके 489 वाहनों का बकाया लगभग पौने पांच करोड़ रुपये है। इसके अलावा, और भी लगभग 200 वाहनों की पहचान की जा रही है, जिनका निरस्तीकरण अभी अधूरा है।
मुख्य कारण और स्थिति
वाहनों के निरस्तीकरण में देरी के पीछे कई कारण हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण है संबंधित दस्तावेजों का अधूरा होना या अनुपलब्ध होना। कई बार वाहन मालिक रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण के लिए आवेदन तो करते हैं, लेकिन वाहन की चेसिस या अन्य आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं कराते। इससे न केवल निरस्तीकरण प्रक्रिया लंबित रहती है, बल्कि वाहन चेसिस के दुरुपयोग के मामले भी सामने आते हैं।
आरटीओ की ऑनलाइन वाहन पोर्टल प्रणाली को वर्ष 2017 में अपडेट किया गया था। इससे पहले की अवधि में ऑनलाइन रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण पुराने वाहन रजिस्ट्रेशन का डेटा सही ढंग से ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पाया है। इस कारण भी कई वाहन स्वामी अपनी ओर से गलती न होने के सबूत पेश करने के लिए बाध्य हैं।
आरटीओ की कार्रवाई और भविष्य की योजना
लखनऊ आरटीओ ने अब तक की जांच और बकाया टैक्स की फाइलों की समीक्षा करते हुए कमियों को दूर करने और प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश जारी किए हैं। एआरटीओ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा है कि जो वाहन मालिक अपने वाहन की उम्र पूरी होने के बाद भी आरसी निरस्तीकरण नहीं करवा रहे, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और बकाया टैक्स व जुर्माने की वसूली की जाएगी। आने वाले समय में बाकी सभी ऐसे वाहनों का डेटा भी पूरा कर रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा, ताकि कोई भी वाहन बिना निरस्तीकरण के सड़कों पर न रहे और टैक्स वसूली सुनिश्चित की जा सके।
वाहन मालिकों के लिए सुझाव
1 .अपनी वाहनों की उम्र और रजिस्ट्रेशन स्थिति की नियमित जांच करें।
2 .यदि वाहन उम्र पूरी कर चुका है, तो समय रहते आरसी निरस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी करें।
3 .आवश्यक दस्तावेज जैसे कि वाहन की चेसिस नंबर आदि को सही तरीके से प्रस्तुत करें ताकि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
4 .वाहन पोर्टल पर अपना रिकॉर्ड अपडेट रखें और किसी भी त्रुटि के मामले में संबंधित आरटीओ कार्यालय से संपर्क करें।
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