90% तक सब्सिडी – एक बड़ा अवसर
गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय के अनुसार, इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को 90% तक तथा अन्य किसानों को 80% तक अनुदान दिया जाएगा। इससे किसान आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और वित्तीय बोझ भी काफी हद तक कम होगा।
लक्ष्य वर्ष 2025-26 तक
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत वर्ष 2025-26 तक 25,000 हेक्टेयर भूमि में ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे अनुमानतः 20 से 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे। लघु और सीमांत किसानों के लिए 5000 हेक्टेयर, जबकि अन्य किसानों के लिए 20,000 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। सभी गन्ना उत्पादक जिलों को लक्ष्य आवंटित कर दिए गए हैं और अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
ड्रिप सिंचाई के लाभ:
1 .जल की 50% तक बचत – पानी सीधे पौधों की जड़ों में पहुंचता है, जिससे व्यर्थ बहाव नहीं होता।
2 .उत्पादन में 20-25% तक वृद्धि – पौधे बेहतर ढंग से पोषण और पानी प्राप्त करते हैं।
3 .खरपतवार की समस्या में कमी – सीमित क्षेत्र में पानी पहुंचने से अनावश्यक घासों की वृद्धि रुकती है।
4 .क्षारयुक्त और असमतल भूमि में भी उपयुक्त – जहाँ सामान्य सिंचाई मुश्किल होती है, वहाँ भी यह तकनीक कारगर साबित हो रही है।
5 .लागत में कटौती – पानी, खाद और मजदूरी की खपत कम होती है।
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