यूपी के स्कूलों में बड़ी भर्ती: 8800 एजुकेटर की होंगी नियुक्तियाँ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार 8800 अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ECCE) एजुकेटर की नियुक्ति करने जा रही है। यह नियुक्तियाँ राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में संचालित बाल वाटिकाओं को सशक्त बनाने और तीन से छह वर्ष की आयु वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पूर्व-प्राथमिक शिक्षा देने के उद्देश्य से की जाएंगी।

शिक्षा मंत्रालय ने दी स्वीकृति

इस भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिल चुकी है। मंत्रालय ने इसके लिए 113.30 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। इस राशि का उपयोग एजुकेटर की नियुक्ति, प्रशिक्षण और मानदेय के लिए किया जाएगा।

संविदा पर 11 महीने की नियुक्ति

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, इन 8800 एजुकेटरों को संविदा पर 11 महीनों के लिए रखा जाएगा। उन्हें प्रति माह 10,313 रुपये मानदेय दिया जाएगा। यह एजुकेटर राज्य के उन विद्यालयों में तैनात किए जाएंगे जहां को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही संचालित हैं।

बाल वाटिका: बच्चों की पहली पाठशाला

उत्तर प्रदेश के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में से 70 हजार से अधिक विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्र मौजूद हैं, जिन्हें 'बाल वाटिका' के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन केंद्रों पर अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और कभी-कभी स्कूल के शिक्षक ही नोडल की भूमिका निभाते थे। लेकिन अब ECCE एजुकेटर की तैनाती से इन केंद्रों में पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को संरचित, वैज्ञानिक और बाल-केंद्रित तरीके से दिया जाएगा।

क्या काम करेंगे ECCE एजुकेटर?

बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ECCE एजुकेटर का मुख्य कार्य होगा: बाल वाटिका केंद्रों का संचालन करना, 3-6 वर्ष के बच्चों को पूर्व-प्राथमिक शिक्षा देना, बच्चों के संज्ञानात्मक, सामाजिक और भाषा विकास पर विशेष ध्यान देना, शिक्षा के शुरुआती वर्षों में बच्चे की बुनियादी समझ को मजबूत करना। 

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