कोलकाता: धीमेपन में अव्वल
रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में प्रति 10 किलोमीटर यात्रा के लिए औसतन 34 मिनट 33 सेकंड का समय लगता है। यह शहर न केवल भारत का बल्कि दुनिया का दूसरा सबसे स्लो शहर बन चुका है। कोलकाता की संकरी गलियां, ऐतिहासिक लेकिन पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव इसे देश का सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला महानगर बनाता है। यहां भीड़भाड़ का स्तर 32% है और एक औसत ड्राइवर साल भर में 110 घंटे ट्रैफिक में बर्बाद करता है।
बेंगलुरु: आईटी सिटी, लेकिन सड़कें थमीं
आईटी हब के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरु में 10 किमी की यात्रा में औसतन 34 मिनट 10 सेकंड लगते हैं। 38% की भीड़भाड़ दर और सालाना 117 घंटे ट्रैफिक में जाया होने वाला समय इसे भारत के सबसे अधिक ट्रैफिक प्रभावित शहरों में शामिल करता है। बेंगलुरु का तेज़ विकास और अप्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन इसके पीछे मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
पुणे: सुधार के संकेत, पर समस्या बरकरार
पुणे में प्रति 10 किमी यात्रा का औसत समय 33 मिनट 22 सेकंड दर्ज किया गया है। 34% कंजेशन लेवल के साथ शहर के ड्राइवर हर साल लगभग 108 घंटे ट्रैफिक में गंवा देते हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह शहर अभी भी देश के सबसे धीमे शहरों की सूची में बना हुआ है।
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