GPS के बिना कैसे उड़ता है ये 'स्मार्ट' ड्रोन?
अब तक ज्यादातर ड्रोन GPS सिग्नल की मदद से उड़ते हैं और टारगेट तक पहुंचते हैं। लेकिन युद्ध के हालात में दुश्मन GPS सिग्नल को जाम (jam) कर सकते हैं या उसे धोखा दे सकते हैं। ऐसे में भारत का नया ड्रोन एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
यह ड्रोन GPS पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि: उड़ान से पहले ही इसका रूट, मिशन और टारगेट सॉफ्टवेयर में फीड कर दिया जाएगा। यह मैप्स और इलाके की बनावट (terrain recognition) के आधार पर खुद रास्ता तय करेगा। GPS जैमिंग या स्पूफिंग जैसी दुश्मन की चालें इस पर असर नहीं करेंगी। जरूरत पड़ने पर यह दुश्मन के इलाके में घुसकर स्वायत्त (autonomous) तरीके से हमला कर सकेगा।
तकनीक जो इसे बनाती है 'स्मार्ट'
Advanced Mapping & Terrain Recognition: ड्रोन के सिस्टम में इलाके की विस्तृत जानकारी होती है – जैसे पहाड़, नदी, इमारतें आदि। इससे वह रास्ता भटकता नहीं।
AI-Based Navigation: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ड्रोन खुद से निर्णय ले सकता है – कब हमला करना है, कब रास्ता बदलना है।
Pre-Fed Mission Profiles: हर मिशन के लिए अलग-अलग डेटा पहले से फीड होता है। इससे वह रियल-टाइम इंस्ट्रक्शन पर निर्भर नहीं रहता।
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