अनुपस्थिति का कारण: वैन खराबी और बीमारी
शिक्षकों द्वारा भेजे गए जवाबों में से छह ने वैन खराबी को अनुपस्थिति का कारण बताया, जबकि अधिकांश शिक्षकों ने अचानक तबीयत खराब होने की बात कही। कुछ शिक्षकों ने यह भी दावा किया कि वैन के सुधरने के बाद वे विद्यालय पहुंच गए थे। हालांकि, बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) सुशील कुमार का कहना है कि वे 24 जून को सुबह 11 बजे विद्यालय पहुंचे थे, लेकिन उस समय तक एक भी अनुपस्थित शिक्षक विद्यालय में मौजूद नहीं था। विद्यालय का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित है, और निरीक्षण के समय यानी दोपहर 12:15 बजे तक कोई शिक्षक नहीं आया था।
बीईओ ने उठाए सवाल
खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार ने शिक्षकों के जवाबों पर सवाल उठाते हुए कहा कि लखनऊ जैसे शहर में वैन की खराबी कोई ठोस बहाना नहीं है, क्योंकि 15-20 किलोमीटर की दूरी अन्य परिवहन माध्यमों से आसानी से तय की जा सकती थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अचानक बीमारी का दावा करने वाले शिक्षक भी कोई वैध चिकित्सीय प्रमाण पत्र नहीं दे सके।
कार्रवाई की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने अब इन शिक्षकों की अनुपस्थिति का विवरण उनकी सर्विस बुक में दर्ज करने का निर्णय लिया है। अनुपस्थित दिवस का वेतन कटौती कर दिया गया है और यह उल्लेख उनके सेवा अभिलेख में स्थायी रूप से दर्ज किया जाएगा, जिससे भविष्य में मूल्यांकन या प्रमोशन में यह घटना उनके लिए बाधा बन सकती है।
अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों की सूची
स्वदेश कुमार अग्निहोत्री(प्रधानाध्यापक), सहायक अध्यापक दीप माला, रूचि खत्री, श्रुति कीर्ति शुक्ला, पंकज शुक्ला, प्रवेंद्र कुमार यादव, चंद्र प्रकाश, राम प्रकाश, अनूप कुमार, चिंता देवी, हरि प्रसाद, अनुपमा मिश्रा, अंजली सिंह, रश्मि पांडेय, स्वाती सैनी, रेनू जोशी, सुप्रिया, ऋचा सिंह, दुर्गा रानी, नीलम पाठक, अर्चना पांडेय, सीमा वर्मा, मनोरमा। शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई यह संकेत देती है कि अब अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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