भारत बना रहा ये 5 'ब्रह्मास्त्र', सुनकर कांप जाएंगे दुश्मन

नई दिल्ली। भारत की रक्षा ताकत अब सिर्फ पारंपरिक मिसाइलों या टैंक तक सीमित नहीं रही। आने वाले दशक में भारतीय सेना के पास ऐसे आधुनिक और खतरनाक हथियार होंगे जो युद्ध के नियम ही बदल सकते हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) देश के लिए पाँच ऐसे अत्याधुनिक हथियारों पर काम कर रहा है जिन्हें 'आधुनिक ब्रह्मास्त्र' कहना गलत नहीं होगा।

1. हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और स्क्रैमजेट क्रूज मिसाइल

भारत की नजर अब हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी पर है। DRDO दो घातक परियोजनाओं पर काम कर रहा है। एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और दूसरी स्क्रैमजेट इंजन से लैस क्रूज मिसाइल। ये मिसाइलें मैक 5 से मैक 7 की रफ्तार (यानी लगभग 12,000 किमी/घंटा) से उड़ान भरेंगी, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया देने का समय ही नहीं मिलेगा। स्क्रैमजेट सिस्टम की 1000 सेकंड की सफल टेस्टिंग हो चुकी है। अब बस सरकार की फुल स्केल मंजूरी का इंतज़ार है।

2. BrahMos-NG: दुनिया का सबसे तेज ताकत

भारत ब्रह्मोस मिसाइल का अगला संस्करण BrahMos-NG (Next Generation) विकसित कर रहा है। यह पहले से हल्की, छोटी और तेज़ होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे तेजस जैसे हल्के फाइटर जेट में भी लगाया जा सकेगा। इसका मतलब है कि भारत की हर स्क्वाड्रन ब्रह्मोस जैसी घातक शक्ति से लैस हो सकेगी। यानी दुश्मन के लिए हर भारतीय जेट अब एक चलता-फिरता खतरा होगा।

3. AMCA: भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर

भारत अब अपना खुद का स्टील्थ फाइटर जेट AMCA  तैयार कर रहा है। यह फाइव्थ जनरेशन फाइटर चीन-पाक J-35 फ्लीट को टक्कर देगा। सरकार ने 2024 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, और 2033 तक इसके प्रोडक्शन मॉडल को आसमान में लाने का लक्ष्य है।

4 .सुदर्शन चक्र: भारत का स्वदेशी 'S-400'

रूस से लिए गए S-400 सिस्टम की तर्ज पर भारत अब 'सुदर्शन चक्र' नामक स्वदेशी लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहा है। 'कुशा प्रोजेक्ट' के तहत विकसित हो रहा यह सिस्टम 300 किलोमीटर से भी अधिक दूरी से दुश्मन की मिसाइल और फाइटर जेट्स को निशाना बना सकेगा। यह सिस्टम पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के किसी भी हवाई हमले को काफी पहले ही नाकाम करने में सक्षम होगा।

5. डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)

भारत हाई-पावर लेजर और माइक्रोवेव आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। इन हथियारों से दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को बिना किसी विस्फोट या शोर के निष्क्रिय किया जा सकेगा। इन हथियारों की सबसे बड़ी खासियत है, "मौन विनाश"। ये भविष्य में भारत की एयर डिफेंस लाइन का अहम हिस्सा बनेंगे।

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