भारत की बड़ी छलांग! चीन को इस क्षेत्र में पछाड़ा

नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाज़ार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अब अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। यह केवल एक व्यापारिक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता, उत्पादन क्षमता और वैश्विक भरोसे का प्रमाण है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलुरु में मेट्रो प्रोजेक्ट के उद्घाटन के मौके पर यह जानकारी दी।

स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में भारत सबसे आगे

एक समय था जब स्मार्टफोन निर्माण के क्षेत्र में चीन का दबदबा था। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है। यह उपलब्धि केवल एक देश को मोबाइल भेजने की नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की केंद्रीय भूमिका की पुष्टि है।

12 लाख करोड़ रुपये का हुआ उत्पादन

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में जबरदस्त विकास हुआ है। मंत्री वैष्णव के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में इस क्षेत्र का उत्पादन छह गुना बढ़ा है। वर्ष 2014 में जहाँ यह उद्योग 2 लाख करोड़ रुपये के आसपास था, वहीं अब यह बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया है।

निर्यात में भी दर्ज की रिकॉर्ड वृद्धि

सिर्फ घरेलू निर्माण ही नहीं, भारत ने निर्यात के मोर्चे पर भी बड़ी छलांग लगाई है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अब आठ गुना बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच चुका है। यह संकेत देता है कि “मेक इन इंडिया” जैसे अभियानों का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है।

मोबाइल निर्माण में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश

एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत अब मोबाइल फोन निर्माण के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। साल 2014-15 में भारत में बिकने वाले केवल 26% मोबाइल फोन ही भारत में बनते थे, लेकिन आज यह आंकड़ा 99.2% तक पहुँच गया है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। 2014 में भारत में केवल दो मोबाइल निर्माण कंपनियाँ थीं। आज, यह संख्या 300 से अधिक हो चुकी है। 

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