पहले क्या था सिस्टम?
इससे पहले इस पद पर पदोन्नति के लिए संबंधित चयन समिति को अपनी संस्तुति सेवायोजन निदेशक को भेजनी होती थी। इस प्रक्रिया में कई बार कार्मिक नीतियों की विसंगतियाँ सामने आती थीं और पदोन्नति का कार्य अनावश्यक रूप से लंबा खिंच जाता था। इससे न केवल कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता था, बल्कि प्रशासनिक कार्यों की गति पर भी असर पड़ता था।
अब क्या बदला है?
संशोधित नियमों के अनुसार: सहायक जिला रोजगार सहायता अधिकारी के पद पर नियुक्ति का अधिकार पहले की तरह सेवायोजन निदेशक के पास रहेगा। लेकिन पदोन्नति अब सीधे शासन स्तर पर गठित विभागीय चयन समिति द्वारा की जाएगी। इससे पदोन्नति प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, तेज और नीति-संगत हो जाएगी।
बदलाव का असर
इस निर्णय से दो बड़े फायदे होंगे:
प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी – अब पदोन्नति की प्रक्रिया में व्यक्तिगत प्रभाव या पक्षपात की गुंजाइश कम होगी।
कर्मचारियों की पदोन्नति समय पर होगी, जिससे उनमें काम के प्रति उत्साह बढ़ेगा और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
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