क्या है मामला?
जिले में फिलहाल 3.75 लाख से अधिक किसान पीएम किसान योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन अब शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य योजना के पात्र नहीं होंगे। यानी यदि पति को योजना का लाभ मिल रहा है तो पत्नी को नहीं मिल सकता, या मां-बेटे दोनों को एक साथ इसका लाभ नहीं दिया जाएगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
अधिकारियों के अनुसार योजना की गाइडलाइन पहले से ही कहती है कि एक परिवार में सिर्फ एक व्यक्ति को ही इसका लाभ मिलना चाहिए। लेकिन विभिन्न कारणों से कुछ मामलों में परिवार के एक से अधिक सदस्य योजना से लाभान्वित हो रहे थे। कुछ मामलों में किसान की मृत्यु के बाद पत्नी और बेटा दोनों ने वरासत में नाम दर्ज करवा लिया और दोनों ने अलग-अलग आवेदन कर लाभ लेना शुरू कर दिया।
अब तक कितने हुए चिन्हित?
उप कृषि निदेशक हरिशंकर भार्गव के अनुसार अब तक जिन लोगों को अपात्र माना गया है, उनमें, पति-पत्नी के रूप में: 7,834, मां-बेटा: 1,729, नाबालिग: 295, इस तरह कुल 9,858 लोगों की सूची तैयार की जा चुकी है जिन्हें योजना से बाहर किया जाएगा। बाकी लाभार्थियों की जांच का कार्य तेजी से जारी है।
क्या होगा आगे?
जिन लोगों को अपात्र पाया गया है, उनकी पीएम किसान सम्मान निधि रोकी जाएगी और भविष्य में उन्हें योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा। यदि किसी ने गलत तरीके से लाभ उठाया है तो उससे वसूली भी की जा सकती है। कृषि विभाग का कहना है कि पारदर्शिता और न्याय के साथ योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं तक पहुंचाया जाएगा जो वास्तव में पात्र हैं।
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