यूपी बोर्ड की सख्ती: अब स्कूल से लापता नहीं रहेंगे शिक्षक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) ने विद्यालयों की अनुशासनहीनता और शिक्षकों की लापरवाही पर नकेल कसने की ठान ली है। जुलाई सत्र से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों की ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी जाएगी। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के अनुसार, यह निर्णय शिक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

छात्र-शिक्षकों पर रहेगी सीधी निगरानी

प्रदेश भर में कक्षा 9 से 12 तक करीब सवा करोड़ छात्र, शिक्षक और कर्मचारी हैं, जिनकी उपस्थिति अब ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। सुबह 11 बजे तक हाजिरी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी, और एक घंटे के भीतर इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्राप्त हो जाएगी। शुरुआत में केवल एक पाली में हाजिरी ली जाएगी, लेकिन दो माह के भीतर यह व्यवस्था दोनों पालियों तक विस्तारित कर दी जाएगी।

वेबसाइट के जरिए होगी मॉनिटरिंग

बोर्ड द्वारा एक विशेष वेबसाइट विकसित करवाई जा रही है, जिसका टेंडर पूरा हो चुका है। इस पोर्टल पर छात्रों और कर्मचारियों की नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, मेल आईडी, ब्लड ग्रुप जैसी पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी। यह डेटा न केवल रिकॉर्ड के लिए उपयोगी होगा बल्कि इससे छात्रों और शिक्षकों को सूचनाएं सीधे मेल के जरिए भेजी जा सकेंगी।

उच्च अधिकारी रखेंगे नजर

ऑनलाइन अटेंडेंस रिपोर्ट को डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक), जेडी (संयुक्त निदेशक), अपर सचिव और बोर्ड सचिव जैसे अधिकारी सीधे वेबसाइट पर मॉनिटर कर सकेंगे। इससे किसी भी स्तर पर लापरवाही को तुरंत पकड़ा जा सकेगा।

शिक्षा में अनुशासन की वापसी

बोर्ड के इस निर्णय से उन शिक्षकों पर लगाम लगाई जा सकेगी जो रसूख या अन्य कारणों से विद्यालयों में समय पर उपस्थित नहीं रहते। साथ ही यह कदम छात्रों की उपस्थिति सुधारने और शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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