किन उत्पादों पर लगा एंटी-डंपिंग शुल्क?
भारत ने जिन चीनी उत्पादों पर शुल्क लगाया है, वे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:
1 .अघुलनशील सल्फर – टायर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण।
2 .विटामिन-ए पामिटेट – पोषण एवं फार्मा सेक्टर में उपयोग।
3 .डेकोर पेपर – फर्नीचर और इंटीरियर डिज़ाइन क्षेत्र में प्रयोग।
4 .PEDA (पाराक्लोरो बेंजोनाइट्राइल) – शाकनाशियों में प्रयुक्त।
5 .एसीटोनाइट्राइल – फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए आवश्यक सॉल्वेंट।
6 .पोटेशियम टर्शियरी ब्यूटॉक्साइड – एपीआई व विशेष रसायनों में उत्प्रेरक के रूप में।
शुल्क की मात्रा और अवधि
यह शुल्क पांच वर्षों के लिए लागू किया गया है और इसके दायरे में केवल चीन ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य देशों जैसे रूस, ताइवान, यूरोपीय संघ, जापान और अमेरिका से आयात भी शामिल हैं। शुल्क की सीमा इस प्रकार है: PEDA: $1,305.6 से $2,017.9 प्रति टन, एसीटोनाइट्राइल: अधिकतम $481 प्रति टन, विटामिन-ए पामिटेट: $20.87 प्रति किलोग्राम, अघुलनशील सल्फर: $358 प्रति टन, पोटेशियम टर्शियरी ब्यूटॉक्साइड: $1,710 प्रति टन, डेकोर पेपर: $542 प्रति टन
रसायन उद्योग पर विशेष ध्यान
भारत ने जिन उत्पादों पर कार्रवाई की है, उनमें अधिकांश रसायन उद्योग से जुड़े हैं। यह क्षेत्र विशेष रूप से संवेदनशील है क्योंकि इनमें से कई उत्पाद फार्मास्युटिकल निर्माण, कृषि रसायन, और पॉलिमर निर्माण जैसी अहम औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग होते हैं।
WTO नियमों के अनुरूप कार्रवाई
भारत ने यह कार्रवाई विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुरूप की है, जो सदस्य देशों को डंपिंग जैसी अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ उचित कदम उठाने की अनुमति देता है। भारत का यह कदम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) की विस्तृत जांच और सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की रणनीति
यह फैसला भारत की "आत्मनिर्भर भारत" रणनीति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाना और विदेशी निर्भरता को कम करना है। इससे स्थानीय उत्पादकों को सस्ता और बड़े पैमाने पर आयातित माल से होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी और स्थानीय रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
0 comments:
Post a Comment