यूपी में शिक्षकों के ट्रांसफर की दोहरी व्यवस्था लागू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया में अहम बदलाव करते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से तबादले की दोहरी व्यवस्था लागू कर दी है। 

शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता द्वारा 7 जून को जारी आदेश में इस नई व्यवस्था के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह कदम शिक्षकों की पारदर्शी और सुगम स्थानांतरण प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से तबादले

राज्य के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के तबादले अब ऑनलाइन माध्यम से एनआईसी द्वारा विकसित पोर्टल के जरिए किए जाएंगे। साथ ही, शासनादेश जारी होने की तिथि (7 जून 2025) तक शिक्षा निदेशालय में प्राप्त ऑफलाइन आवेदन भी मान्य होंगे, जिन्हें विभागीय मंत्री की अनुमति प्राप्त कर नियमानुसार जारी किया जाएगा।

ऑनलाइन प्रक्रिया की समय-सीमा और निर्देश

ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया 27 जून 2025 तक पूरी कर ली जाएगी।

शिक्षक पोर्टल पर विद्यालयवार, जिलेवार, विषयवार और आरक्षणवार रिक्त पदों की सूची देख सकेंगे।

हर शिक्षक अधिकतम 5 रिक्त स्थानों का चयन अपनी वरीयता के अनुसार कर सकता है।

आठ जिलों पर विशेष प्रतिबंध

सरकार ने 8 महत्वाकांक्षी जिलों से शिक्षकों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध भी लगाया है। ये जिले हैं: सोनभद्र, चन्दौली, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, फतेहपुर, चित्रकूट और सिद्धार्थनगर। इन जिलों के शिक्षक साधारण स्थिति में किसी अन्य जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं कर सकते, केवल पारस्परिक तबादले की स्थिति में यह संभव होगा।

पारस्परिक स्थानांतरण को प्राथमिकता

सरकार ने प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और सहायक अध्यापक के पारस्परिक स्थानांतरण को वरियता देने का निर्णय लिया है। हालांकि, एक संस्था से 20 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों के आवेदन अग्रसारित नहीं किए जा सकेंगे।

रिक्त पदों की शर्तें और चयन आयोग से समन्वय

जिन पदों पर स्थानांतरण के लिए आवेदन किया गया है, वे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचित या विज्ञापित नहीं होने चाहिए। यदि ऐसा पाया गया तो स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही, वह पद जनशक्ति के मानक के तहत रिक्त होना चाहिए, और उस विषय में छात्रों की संख्या भी मानक के अनुसार होनी चाहिए।

0 comments:

Post a Comment