पथरी को जड़ से मिटाए ये जादुई पत्ते, देखते ही चबा लें

हेल्थ डेस्क। गुर्दे की पथरी की समस्या आजकल बहुत आम हो गई है। कई लोग इस दर्दनाक बीमारी से जूझ रहे हैं और इसके इलाज के लिए महंगे और जटिल ऑपरेशन भी करवा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे प्राकृतिक पत्ते हैं, जो न केवल पथरी को बनने से रोकते हैं बल्कि उसे घोलकर बाहर निकालने में भी मदद करते हैं? इन पत्तों का सही उपयोग करके आप पथरी से राहत पा सकते हैं, बिना किसी साइड इफेक्ट के।

पत्थरचट्टा (Pashanbhed) – पथरी का काल

पत्थरचट्टा की पत्तियां आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध औषधि हैं, जो गुर्दे की पथरी को घोलने और बाहर निकालने में सहायक होती हैं। इसके नियमित सेवन से पेशाब के रास्ते पथरी आसानी से बह जाती है और दर्द में भी कमी आती है। पत्थरचट्टा का प्रयोग सामान्यतः पत्तियों को उबालकर या उनका रस निकालकर किया जाता है। यह गुर्दे की सेहत को भी बेहतर बनाता है।

तुलसी के पत्ते – दर्द से राहत और रोकथाम

तुलसी के पत्ते कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं, और पथरी के मामले में भी यह बेहद कारगर हैं। तुलसी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पथरी के कारण होने वाले तेज दर्द को कम करते हैं। साथ ही, ये पत्ते पथरी बनने की प्रक्रिया को धीमा या रोक भी देते हैं। तुलसी के पत्ते चबाने या उनका काढ़ा पीने से आपके गुर्दे स्वस्थ रहते हैं और पथरी की समस्या बढ़ने से बचती है।

प्राकृतिक उपचार से पथरी को जड़ से खत्म करें

आज की तेज़ जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण पथरी की समस्या बढ़ रही है। इसलिए प्राकृतिक और घरेलू उपायों को अपनाना बहुत जरूरी है। पत्थरचट्टा और तुलसी के पत्तों को अपने रोजाना के खान-पान में शामिल करके आप न सिर्फ पथरी से बचाव कर सकते हैं, बल्कि अगर पहले से पथरी है तो उसे जड़ से खत्म भी कर सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

पत्थरचट्टा की पत्तियां धोकर उबाल लें और उसका पानी छानकर रोजाना सुबह पीएं।

तुलसी के ताजे पत्ते चबाएं या तुलसी का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार लें।

पानी खूब पीएं ताकि पथरी बाहर निकलने में आसानी हो।

ज्यादा तली-भुनी और नमकीन चीजों से बचें।

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