ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर होगा शिकायतों का निपटारा
शिक्षकों से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा, अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) और समाधान अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इस पोर्टल पर शिक्षक अपनी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं, जिन्हें जिला-स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी गंभीरता से लेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। इसके साथ ही हर सोमवार को इन शिकायतों की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें समाधान की प्रगति पर नजर रखी जाएगी।
नोडल अधिकारियों की जिलावार तैनाती
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी आदेश के अनुसार विभिन्न अधिकारियों को निम्नलिखित जिलों में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है:
प्रमुख तैनातियां इस प्रकार हैं:
बेगूसराय - बैद्यनाथ यादव (परामर्शी)
मुंगेर - पंकज कुमार (परामर्शी)
गोपालगंज व सीवान - सज्जन आर. (अपर सचिव)
जहानाबाद - विनायक मिश्र (मध्याह्न भोजन योजना निदेशक)
शिवहर - साहिला (प्राथमिक शिक्षा निदेशक)
अरवल - सुबोध कुमार चौधरी (विशेष सचिव)
सारण - अनिल कुमार (विशेष सचिव)
वैशाली - मनोरंजन कुमार (निदेशक, प्रशासन)
सीतामढ़ी - अमरेश कुमार मिश्र (संयुक्त सचिव)
भागलपुर व बांका - संजू कुमारी (संयुक्त सचिव)
समस्तीपुर व दरभंगा - शाहजहां (उप सचिव)
पटना व भोजपुर - विनीता (विशेष कार्य पदाधिकारी)
अन्य महत्वपूर्ण तैनातियां:
नवादा व नालंदा - अजीत शरण (उप सचिव)
मधेपुरा व खगड़िया - अमित कुमार पुष्पक (उप सचिव)
गया व औरंगाबाद - सुषमा कुमारी (विशेष कार्य पदाधिकारी)
बक्सर - सचिंद्र कुमार (विशेष माध्यमिक शिक्षा निदेशक)
रोहतास - अमर कुमार (संयुक्त निदेशक, प्राथमिक शिक्षा)
लखीसराय - नसीम अहमद (उप निदेशक)
मुजफ्फरपुर - दीपक कुमार सिंह (उप निदेशक, उच्च शिक्षा)
पश्चिम चंपारण - अब्दुस सलाम अंसारी (उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा)
मधुबनी - उर्मिला कुमारी (उप निदेशक, प्राथमिक शिक्षा)
शेखपुरा व जमुई - नीरज कुमार (उप निदेशक, प्राथमिक शिक्षा)
पूर्वी चंपारण - संजय कुमार चौधरी (उप निदेशक, प्राथमिक शिक्षा)
कटिहार व पूर्णिया - नरेंद्र कुमार (उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा)
किशनगंज व अररिया - दिवेश कुमार चौधरी (उप निदेशक, उच्च शिक्षा)
सुपौल व सहरसा - अमर भूषण (उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा)
इस पहल से क्या बदलने की उम्मीद है?
विभाग की ओर से किये जा रहे इस फैसले से शिक्षकों की शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष समाधान, ऑनलाइन मॉनिटरिंग से पारदर्शिता में वृद्धि, शिक्षकों और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद, शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ज़मीनी फीडबैक का बेहतर उपयोग होगा।
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