यूपी सरकार ने किसानों के लिए शुरू की ये योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सहभागिता योजना न केवल बेसहारा गोवंशों के संरक्षण का माध्यम बनेगी, बल्कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा देने जा रही है। इस योजना का मूल उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, पशुपालन को बढ़ावा देना, और महिला स्वयं सहायता समूहों व नवयुवकों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार व उद्यमिता से जोड़ना है।

योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत किसानों को एक से चार गोवंश गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन गोवंशों के लिए उनके घरों के पास मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत व्यक्तिगत कैटल शेड बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें सुरक्षित, स्वच्छ और अनुकूल वातावरण मिल सके।

इस योजना का एक और अहम पक्ष है किसानों को स्मॉल बायोगैस यूनिटें उपलब्ध कराना। ये यूनिटें न केवल घरेलू ऊर्जा का विकल्प प्रदान करेंगी, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी देंगी। गोबर से बनने वाली बायोगैस का उपयोग खाना पकाने, लाइटिंग और यहां तक कि खेती के उपकरण चलाने में भी किया जा सकेगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

बेसहारा गोवंशों की समस्या आज उत्तर भारत के कई राज्यों में चिंता का विषय बन चुकी है। इस योजना के तहत न केवल इन पशुओं को देखभाल मिलेगी, बल्कि उनकी उपयोगिता भी बढ़ेगी। गौ आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास गौवंश के दुग्ध उत्पाद, गोबर खाद, और बायोगैस जैसे संसाधनों के माध्यम से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करेगा।

महिलाओं और युवाओं को अवसर

सरकार का खास ज़ोर इस बात पर है कि महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और नवयुवकों को इस योजना से जोड़ा जाए। इससे उन्हें स्थायी रोजगार और उद्यमिता के अवसर मिलेंगे। महिलाएं न केवल पशुओं की देखभाल में भाग लेंगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन, गोबर से बनी जैविक खाद, और बायोगैस यूनिट संचालन जैसे कार्यों से भी जुड़ सकेंगी।

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