1500 KM तक वार: भारत के नए अजेय होशियार!

नई दिल्ली। भारत ने अपने सामरिक रक्षा तंत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ईटी-एलडीएचसीएम (ET-LDHCM) अब देश की सैन्य क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जा रही है।

प्रोजेक्ट विष्णु के अंतर्गत विकसित यह मिसाइल न केवल भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि इसे हाइपरसोनिक हथियार क्षमता वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर देती है। अभी तक इसतरह की तकनीक सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के पास था।

मिसाइल की मुख्य विशेषताएँ

1 .हाइपरसोनिक गति: ईटी-एलडीएचसीएम को मैक 8 (लगभग 11,000 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ब्रह्मोस जैसी मौजूदा सुपरसोनिक मिसाइलों से कई गुना तेज है, जिससे इसका अवरोधन लगभग असंभव हो जाता है।

2 .विस्तारित रेंज: इस मिसाइल की 1,500 किलोमीटर की रेंज भारत को अधिक दूर तक और रणनीतिक ठिकानों पर प्रभावी प्रहार करने की क्षमता देती है।

3 .स्क्रैमजेट इंजन तकनी: इस हाइपरसोनिक मिसाइल में स्क्रैमजेट (Scramjet) इंजन का इस्तेमाल हुआ है, जो वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करता है। इससे मिसाइल ज्यादा दूरी तक तेजी से उड़ान भर सकती है, और इसकी दक्षता भी काफी अधिक होती है।

4 .बहुमुखी पेलोड क्षमता: ईटी-एलडीएचसीएम पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है, जिससे यह सभी प्रकार की सैन्य स्थितियों में उपयोगी सिद्ध होती है।

 रणनीतिक निहितार्थ

ET-LDHCM के आने से भारत की रणनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना है। विशेषज्ञ इसे भारत के लिए एक निवारक और आक्रामक हथियार दोनों रूपों में देखते हैं। यह न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है।

0 comments:

Post a Comment