340+ किलोमीटर की मारक क्षमता, दुश्मनों के लिए मौत का संदेश
गांडीव, Astra सीरीज़ की तीसरी और सबसे उन्नत कड़ी होगी, जिसकी मारक क्षमता 340 किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है। यह मिसाइल अपने पुराने संस्करणों Mk-I और Mk-II से कई गुना अधिक खतरनाक होगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ‘मल्टीपल इन-फ्लाइट गाइडेंस’ सिस्टम से लैस होगी। यानी एक बार लॉन्च हो जाने के बाद भी यह मिसाइल हवा में अपने लक्ष्य की स्थिति के अनुसार डेटा अपडेट करती रहेगी और दुश्मन चाहे जितना भी चालाकी से दिशा बदले, बच पाना लगभग असंभव होगा।
रियल-टाइम डेटा से लैस, दुश्मन को करेगा ट्रैक और तबाह
गांडीव का गाइडेंस सिस्टम इतना उन्नत है कि यह हवा में उड़ते हुए कई स्रोतों से (जैसे कि फाइटर जेट, ग्राउंड रडार और AWACS विमान) डेटा ले सकता है। इसका मतलब है कि अगर लक्ष्य दिशा बदले, गति बढ़ाए या किसी तरह की रणनीति अपनाए, तो भी यह मिसाइल नई सूचनाओं के साथ खुद को फिर से निर्देशित कर सकती है और हमला जारी रख सकती है।
360-डिग्री गाइडेंस और Su-30MKI से होगी तैनाती
गांडीव मिसाइल में 360-डिग्री गाइडेंस सिस्टम होगा, जिससे यह किसी भी दिशा में हमला करने में सक्षम होगी और वो भी बेहद सटीकता के साथ। DRDO इसे भारतीय वायुसेना के Su-30MKI जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस करने की तैयारी कर रहा है। इससे भारत की एयर डॉमिनेंस क्षमता में जबरदस्त इज़ाफा होगा।
AWACS और टैंकर विमानों को भी बनेगा निशाना
इस मिसाइल की लंबी रेंज का एक बड़ा रणनीतिक लाभ यह है कि भारत बिना सीमा पार किए ही दुश्मन के रडार, AWACS और एयर टैंकर विमानों को ध्वस्त कर सकेगा, वो भी तब, जब भारतीय विमान सुरक्षित दूरी पर होंगे। यह पहल भारत की ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ नीति को और भी मजबूत बनाती है।
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