सरकारी हस्तक्षेप और मानवीय संवेदनशीलता
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि जिन ग्रामीणों के मकान बाढ़ या अत्यधिक बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास योजना में शामिल किया जाए। यह फैसला ना सिर्फ राहत देने वाला है, बल्कि यह साबित करता है कि सरकार जरूरतमंदों के साथ खड़ी है।
उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण
यह योजना विशेष रूप से उन गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए बनाई गई है जो अब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से वंचित रह गए थे। यानी ऐसे लोग जो अब तक किसी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं उठा पाए थे, उन्हें अब स्थायी घर की सुविधा मिल सकेगी।
सूची तैयार करने का निर्देश
ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने जिला अधिकारियों से कहा है कि वे राजस्व विभाग के साथ मिलकर उन परिवारों की सूची बनाएं जो इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। यह सूची आगे की कार्यवाही और बजट निर्धारण में मदद करेगी।
योजना का कानूनी आधार
2018 में मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत एक शासनादेश जारी किया गया था, जिसमें दैवीय आपदा से प्रभावित परिवारों को आवास देने का प्रावधान था। इस आधार पर अब बाढ़ और बारिश से बेघर हुए लोगों को भी इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा।
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