INS हिमगिरि की खासियत
INS हिमगिरि की सबसे बड़ी पहचान इसकी स्टील्थ तकनीक है। इस फ्रिगेट की बनावट ऐसी है कि यह दुश्मन के रडार पर पकड़ में आने से बचता है, जिससे यह गुप्त रूप से अपने मिशन को अंजाम दे सकता है। इसका वजन लगभग 6,670 टन है और इसकी लंबाई 149 मीटर है, जो इसे आकार और मजबूती दोनों में काफी प्रभावशाली बनाती है। जहाज के निर्माण में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जो भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
अत्याधुनिक हथियार प्रणाली
INS हिमगिरि केवल एक स्टील्थ जहाज ही नहीं, बल्कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस एक युद्ध मशीन भी है। यह हवा, सतह और पानी के अंदर दुश्मन के खिलाफ लड़ने में सक्षम है। इसमें ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें लगी हैं, जो अपनी गति और सटीकता के कारण दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में गिनी जाती हैं। इसके अलावा, यह बराक-8 मिसाइलों से भी सुसज्जित है, जो दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम हैं। पानी के अंदर दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए इस फ्रिगेट में उन्नत एंटी-सबमरीन हथियार भी लगाए गए हैं।
स्वदेशी इंजीनियरिंग की मिसाल
प्रोजेक्ट 17A के तहत सात स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं, जिनमें से INS हिमगिरि ग्रेड एस्टेबलिशमेंट (GRSE) द्वारा बनाया गया पहला है। यह जहाज न केवल भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
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