क्या है ड्रैगन फ्रूट विकास योजना?
बिहार सरकार के कृषि विभाग ने इस योजना के लिए 1.26 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। योजना का उद्देश्य ड्रैगन फ्रूट जैसी उच्च मूल्य वाली फसल को प्रोत्साहित करना है, जिसकी मांग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ रही है। इसे सरकार ने लाभकारी फसल की श्रेणी में शामिल किया है। इस योजना के माध्यम से राज्य के 23 जिलों के किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना है।
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। किसान 0.1 हेक्टेयर से लेकर 2.0 हेक्टेयर तक की जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं और उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
आर्थिक सहायता और सब्सिडी विवरण:
सरकार के अनुसार, प्रति हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती में लगभग 6.75 लाख रुपए की लागत आती है। इसमें किसान को 40% तक की सब्सिडी दी जाएगी, जो करीब 2.70 लाख रुपए होगी। यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी: पहली किस्त: ₹1.62 लाख रुपए, दूसरी किस्त: ₹1.08 लाख रुपए। इस सहायता से किसानों को प्रारंभिक लागत का बड़ा हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे खेती शुरू करना आसान हो जाएगा।
तकनीकी मार्गदर्शन भी मिलेगा साथ में
सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती से संबंधित संपूर्ण जानकारी भी प्रदान की जाएगी। इसमें पौधों की रोपाई, देखभाल, रोग नियंत्रण, सिंचाई पद्धति आदि का प्रशिक्षण शामिल है, जिससे किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अधिक लाभ कमा सकें।
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