बिहार में इन शिक्षकों पर गिरेगी गाज, मचा हड़कंप!

पटना। 

बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा की जा रही फर्जी उपस्थिति की शिकायतों पर अब शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है। मुंगेर सहित कई जिलों से लगातार मिल रही शिकायतों और हाल ही में सामने आए एक सनसनीखेज मामले के बाद विभाग पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ऐसे मामलों में लापरवाह और धोखाधड़ी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

फर्जी उपस्थिति का खुलासा

मुंगेर जिले में सामने आए एक मामले ने शिक्षा महकमे की नींद उड़ा दी है। जांच में पाया गया कि एक शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे थे, बावजूद इसके उनकी हाजिरी प्रतिदिन दर्ज की जा रही थी। जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि होने पर विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया और पूरे राज्य में निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करने की कवायद शुरू कर दी।

बेतिया में निगरानी टीम का गठन

फर्जी हाजिरी पर अंकुश लगाने के लिए पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में एक विशेष ई-मोबाइल उपस्थिति अनुश्रवण कोषांग (Monitoring Cell) का गठन किया गया है। इस कोषांग में जिला शिक्षा कार्यालय के अधीक्षक राजेश कुमार पांडेय, सहायक कंप्यूटर प्रोग्रामर अरुण कुमार अकेला, कार्यक्रम सहायक जितेन्द्र सिन्हा, और कार्यपालक सहायक प्रकाश कुमार को शामिल किया गया है। यह टीम जनवरी 2025 से जिले भर के शिक्षकों की मोबाइल ऐप से उपस्थिति की निगरानी करेगी।

ई-शिक्षाकोष ऐप भी हुआ अपडेट

शिक्षा विभाग ने फर्जी हाजिरी रोकने के लिए पहले ही ई-शिक्षाकोष ऐप को अपडेट किया था, जिसमें लाइव लोकेशन और रियल-टाइम फोटो अपलोड जैसे फीचर्स जोड़े गए थे। बावजूद इसके, कुछ शिक्षकों ने तकनीकी चूक का फायदा उठाकर फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने के तरीके खोज निकाले। अब विभाग ने ऐसी तकनीकी खामियों को दूर करने के साथ ही निगरानी और जवाबदेही की व्यवस्था को और कड़ा बना दिया है।

अब शिक्षा में आएगी पारदर्शिता

शिक्षा विभाग की इस सख्ती से सरकारी स्कूलों में अनुशासन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। फर्जी उपस्थिति जैसे मामलों पर कठोर कार्रवाई से न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।

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