बता दें की ग्राम प्रधान का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वह पंचायत क्षेत्र के समग्र विकास, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है। 2026 के ग्राम पंचायत चुनावों को देखते हुए यह जानना जरूरी है कि ग्राम प्रधान बनने के लिए क्या योग्यताएं तय की गई हैं और चयन की प्रक्रिया क्या होती है।
ग्राम प्रधान बनने के लिए अनिवार्य योग्यताएं:
राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार के लिए निम्नलिखित योग्यताएं अनिवार्य हैं:
न्यूनतम आयु: उम्मीदवार की आयु चुनाव के समय कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। यदि आपकी आयु इससे कम हैं तो आप प्रधानी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
नागरिकता: उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
मानसिक स्थिति: उम्मीदवार को मानसिक रूप से स्थिर और सक्षम होना चाहिए, ताकि वह प्रशासनिक जिम्मेदारियां प्रभावी ढंग से निभा सके।
आपराधिक पृष्ठभूमि: उम्मीदवार किसी भी गंभीर आपराधिक मामले में दोषी नहीं होना चाहिए। यदि वह किसी अपराध में दोषी ठहराया गया हो और सजा पूरी नहीं हुई हो, तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य माना जाएगा।
ग्राम प्रधान का चयन कैसे होता है?
1. प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चयन:
ग्राम पंचायत के सभी मतदाता, जो वैध मतदाता सूची में पंजीकृत होते हैं, प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से अपने क्षेत्र के ग्राम प्रधान का चुनाव करते हैं। यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से राज्य निर्वाचन आयोग की निगरानी में होता है।
2. यदि प्रधान का चुनाव न हो सके:
कुछ विशेष परिस्थितियों में, यदि ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाता, जैसे कि: ग्राम पंचायत के दो-तिहाई से कम सदस्य निर्वाचित होते हैं, या किसी कारणवश प्रधान पद के लिए चुनाव नहीं हो सका, तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार या उसके द्वारा नियुक्त अधिकृत अधिकारी के पास यह अधिकार होता है कि वह प्रशासनिक समिति का गठन कर सके।
प्रशासनिक समिति की व्यवस्था:
इस समिति में वे व्यक्ति नियुक्त किए जा सकते हैं जो ग्राम पंचायत सदस्य बनने के लिए योग्य हैं। समिति का गठन अस्थायी रूप से तब तक के लिए होता है जब तक कि नियमित चुनाव द्वारा ग्राम प्रधान और अन्य सदस्य निर्वाचित नहीं हो जाते।
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