यूपी में पेंशनरों के लिए ये 5 नई व्यवस्था: तुरंत पढ़ें!

मीरजापुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन को सुरक्षित बनाए रखने और अनधिकृत निकासी रोकने के उद्देश्य से एक नई व्यवस्था लागू की है। यह व्यवस्था जून 2025 से प्रभावी हो चुकी है और प्रदेश के वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशन की राशि सही व्यक्ति को और सुरक्षित तरीके से प्राप्त हो।

नई व्यवस्था की प्रमुख बातें:

1. तीन माह तक निकासी न होने पर सूचना देना अनिवार्य

यदि किसी पेंशनर के खाते से लगातार तीन महीने तक पेंशन की निकासी नहीं होती, तो संबंधित बैंक को कोषागार विभाग को इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशनर जीवित हैं और पेंशन का दुरुपयोग न हो।

2. जीवित प्रमाण पत्र अनिवार्यता

हर पेंशनर को हर साल नवंबर महीने में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी, हालांकि प्रमाण पत्र जमा करने के बाद पेंशन पुनः शुरू की जा सकती है।

3. संयुक्त खाता केवल पति-पत्नी के साथ मान्य

नई व्यवस्था के तहत पेंशन खाता अब केवल पति-पत्नी के नाम से संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। किसी अन्य रिश्तेदार, जैसे बेटा, बेटी या अन्य के साथ खाता मान्य नहीं होगा। यदि पहले से ऐसा कोई खाता है, तो उसे एकल खाता बना कर संचालित किया जाएगा।

4. पेंशनरों की निगरानी के लिए बैंकों को निर्देश

मीरजापुर की मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को पेंशनरों की सूची भेज दी गई है और शाखा प्रबंधकों को खातों की निगरानी व सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (एलडीएम) अभिषेक कुमार ने भी बताया कि बैंक प्रबंधकों को पेंशन खातों की निगरानी और जीवित प्रमाण पत्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है।

5. मृत्यु की स्थिति में तत्काल सूचना अनिवार्य

यदि किसी पेंशनर या पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो संबंधित बैंक को मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ कोषागार को पत्र भेजकर सूचना देना अनिवार्य होगा। इससे गलत तरीके से पेंशन निकासी की घटनाएं रोकी जा सकेंगी और बकाया पेंशन राशि की वसूली आसानी से की जा सकेगी।

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