यूपी के सरकारी स्कूलों में लागू होगी ये नई व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अब बच्चों को निजी स्कूलों जैसी यूकेजी (बालवाटिका-3) की सुविधा मिलने जा रही है। यह नई व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप लागू की जा रही है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु छह वर्ष होनी चाहिए। ऐसे में पूर्व-प्राथमिक यानी बालवाटिका स्तर की शिक्षा को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है।

क्यों जरूरी है ‘यूकेजी’ (बालवाटिका-3)?

NEP 2020 में कहा गया है कि तीन से छह वर्ष की आयु बच्चे के संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। यदि इस चरण में सही दिशा में शिक्षा दी जाए, तो आगे की पढ़ाई की नींव मजबूत होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब सरकारी परिषदीय विद्यालयों में भी यूकेजी जैसी कक्षा की व्यवस्था की जा रही है, जो अब तक केवल निजी विद्यालयों में आम थी।

कितने विद्यालयों में होगी शुरुआत?

उत्तर प्रदेश में 1,11,621 परिषदीय प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालय संचालित हैं। इनमें से: 70,494 विद्यालयों में पहले से ही आंगनबाड़ी केंद्र मौजूद हैं जहाँ बालवाटिका-1, 2 और 3 की शिक्षा दी जा रही है। जबकि 41,127 विद्यालयों में अब बालवाटिका-3 (यूकेजी) कक्षा शुरू करने की योजना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन शेष विद्यालयों के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है, ताकि सभी बच्चों को समान रूप से प्रारंभिक शिक्षा मिल सके।

यूकेजी संचालन की प्रमुख विशेषताएं:

1. नामांकन अभियान : जिन स्कूलों में आंगनबाड़ी नहीं हैं, वहाँ 5-6 वर्ष के बच्चों के लिए नामांकन अभियान चलाया जाएगा।

2. अतिरिक्त कक्ष या संयुक्त कक्षा: जहां अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध हैं, वहां यूकेजी कक्षा अलग से चलाई जाएगी।अन्यथा बच्चों को कक्षा-1 के साथ बैठाकर यूकेजी का शिक्षण कराया जाएगा।

3. प्रशिक्षित स्टाफ: वर्तमान में शिक्षामित्रों और सहायक अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। भविष्य में इन कक्षाओं के लिए विशेष प्रशिक्षित ECCE (Early Childhood Care and Education) एजुकेटर्स की भी नियुक्ति की जाएगी।

4. मिड-डे मील और शैक्षणिक सामग्री: यूकेजी कक्षाओं में भी मिड-डे मील (एमडीएम) मिलेगा। बच्चों को स्टेशनरी, वंडर बॉक्स, लर्निंग कॉर्नर जैसी शैक्षणिक और खेल गतिविधियों पर आधारित सामग्री भी प्रदान की जाएगी।

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