बिहार में ग्रामीण विकास की नई उड़ान: गांव-देहात में बनेंगे 649 नए पुल

पटना। बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में कुल 649 नए पुल-पुलिया के निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इस परियोजना पर लगभग 2977 करोड़ रुपये (297712.077 लाख रुपये) की अनुमानित लागत आएगी। यह निर्णय राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक संपर्क साधनों से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

पूर्वी चंपारण बना अग्रणी जिला

649 प्रस्तावित पुलों में से सबसे अधिक 54 पुलों का निर्माण पूर्वी चंपारण जिले में होगा। इन पुलों की कुल लंबाई 1984.21 मीटर होगी और इस पर 205.74 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे पूर्वी चंपारण पुल निर्माण के मामले में राज्य का अग्रणी जिला बन गया है। राजधानी पटना में 14 पुलों के निर्माण की योजना है, जिनकी लंबाई 579.13 मीटर और लागत 72.03 करोड़ रुपये अनुमानित है।

ग्रामीण संपर्कता को मिलेगी मजबूती

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर सड़क और पुल नेटवर्क से जोड़ना है ताकि किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में सुविधा हो, साथ ही लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा केंद्रों और अन्य आवश्यक सेवाओं तक आसान पहुंच मिल सके। यह ग्रामीण क्षेत्रों को उद्योगोन्मुखी बनाने में भी मदद करेगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

अब तक का कार्य: सड़कों और पुलों का निर्माण

ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) के अंतर्गत राज्य में सड़क और पुल निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 991 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। अब तक राज्य में प्रशासनिक स्वीकृति के तहत 2024 ग्रामीण सड़कों (5250.62 किमी) और 1211 पुलों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। इनमें से 1843 सड़कों (4818.36 किमी) और 852 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है।

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