विशेषज्ञों के अनुसार, ये देश न केवल परमाणु हथियारों और सैन्य उपकरणों से लैस हैं, बल्कि तकनीकी रूप से भी बेहद उन्नत हैं। इनकी सेनाएं रणनीतिक कौशल, तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता और अंतरराष्ट्रीय मोर्चों पर प्रभावी उपस्थिति के लिए जानी जाती हैं।
टॉप 5 ताकतवर सेनाएं जो अमेरिका के बाद दुनिया को हिला सकती हैं:
रूस: दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु भंडार रूस के पास है। करीब 10 लाख सक्रिय सैनिकों, अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों और शक्तिशाली वायु सेना के दम पर रूस आज भी वैश्विक सुरक्षा नीति में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
चीन: दुनिया की सबसे बड़ी सक्रिय सेना वाला चीन तेज़ी से सैन्य आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहा है। नौसेना में युद्धपोतों की संख्या तेजी से बढ़ा रहा हैं। साइबर युद्ध, अंतरिक्ष सैन्यीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चीन अग्रणी बना हुआ है। चीन के पास 500 परमाणु हथियार हैं।
भारत: भारत एक उभरती वैश्विक सैन्य शक्ति है। परमाणु क्षमता से लैस भारतीय सेना तीनों मोर्चों—थल, जल और वायु—पर अपनी मजबूती बढ़ा रही है। हाल के वर्षों में स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर विशेष ज़ोर दिया गया है। भारत के पास लंबी दूरी की मिसाइलें मौजूद हैं।
फ्रांस: फ्रांस यूरोप की सैन्य शक्ति का केंद्र है। आधुनिक युद्धक विमानों, परमाणु पनडुब्बियों और तेज़ी से प्रतिक्रिया देने वाली सेनाओं के बल पर यह देश अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधनों में अग्रणी बना हुआ है। फ्रांस के पास परमाणु हथियार से लैस 10000 किमी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं।
ब्रिटेन (यूके): ब्रिटिश सेना का आकार भले सीमित हो, पर उसकी मारक क्षमता अत्यधिक है। F-35 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों, उच्च प्रशिक्षित सैनिकों और परमाणु पनडुब्बियों के साथ ब्रिटेन NATO का मुख्य स्तंभ बना हुआ है। ब्रिटेन के परमाणु हथियार से लैस 12000 किमी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं।
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