ग्राम पंचायतों का आंशिक पुनर्गठन पूरा
पंचायत चुनावों की शुरुआत ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन से होती है। इस बार कुल 504 ग्राम पंचायतें घटा दी गई हैं। वर्ष 2021 में जहां 58,189 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुआ था, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 57,695 रह जाएगी। इसका सीधा असर ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या पर भी पड़ा है।
4608 ग्राम पंचायत वार्डों में होगी कमी
ग्राम पंचायतों की संख्या में आई कमी के चलते लगभग 4608 ग्राम पंचायत वार्ड कम हो जाएंगे। यही नहीं, 250 के आसपास क्षेत्र पंचायत (BDC) वार्डों और 12 जिला पंचायत वार्डों में भी कटौती की जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस बार की चुनावी संरचना 2021 की तुलना में काफी अलग होगी।
वार्ड गठन का फार्मूला
वार्डों का गठन जनसंख्या के आधार पर होता है। पंचायतीराज विभाग ने स्पष्ट किया है कि: 1000 की जनसंख्या तक: 9 वार्ड, 1001 से 2000 तक: 11 वार्ड, 2001 से 3000 तक: 13 वार्ड, 3001 से अधिक: अधिकतम 15 वार्ड। इस नियम के अनुसार, किसी भी ग्राम पंचायत में 15 से अधिक वार्ड नहीं बनाए जाते।
नवगठित ग्राम पंचायतें
हालांकि जहां कुछ ग्राम पंचायतें घटी हैं, वहीं कुछ नई भी बनी हैं। कुल 11 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। इनमें बस्ती में दो, और आजमगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, उन्नाव में एक-एक राजस्व ग्राम को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है। बहराइच और बस्ती में दो-दो नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है।
105 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित
प्रदेशभर में 105 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जो आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। इनमें से किसी का राजस्व ग्राम दूसरी पंचायत में जोड़ा गया है या हटाया गया है। जिलों की बात करें तो: मऊ: 11 ग्राम पंचायतें, अयोध्या, पीलीभीत, देवरिया, प्रतापगढ़: 10-10, गोरखपुर: 8, हरदोई: 7, जौनपुर: 6, गोंडा: 5, गाजियाबाद: 4, अन्य कई जिलों में 1-3 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।
15 जुलाई तक होगा वार्डों का पुनर्गठन पूरा
पंचायतीराज विभाग ने 15 जुलाई 2025 तक वार्डों के पुनर्गठन का कार्य पूरा करने की योजना बनाई है। इसके बाद ही परिसीमन के अनुसार अंतिम सूची जारी होगी और चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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