सिर्फ 7 दिन में गल जाएगी पथरी, ये पत्ते चबाकर खा लें

हेल्थ डेस्क। आज के समय में बदलती जीवनशैली और गलत खानपान के कारण पथरी (Kidney Stone) की समस्या आम होती जा रही है। इससे न केवल असहनीय दर्द होता है, बल्कि कई बार ऑपरेशन तक की नौबत आ जाती है। लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कई चमत्कारी पौधों का उल्लेख है, जिनसे पथरी जैसी गंभीर बीमारी का उपचार संभव है। आचार्य बालकृष्ण जी के अनुसार पत्थरचट्टा (जिसे "पाषाण भेद" भी कहा जाता है) एक ऐसी औषधीय वनस्पति है, जो पथरी को गलाने में मदद कर सकती है।

क्या है पत्थरचट्टा?

पत्थरचट्टा एक हरे पत्तों वाला छोटा पौधा होता है, जिसके पत्ते मोटे, रसयुक्त और चिकने होते हैं। यह पौधा अधिकतर घरों में सजावटी पौधे के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसके औषधीय गुणों की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। पत्थरचट्टा का प्रयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में पथरी, पेशाब की जलन, फोड़े-फुंसी, और सूजन जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है।

पथरी के लिए पत्थरचट्टा का सेवन कैसे करें?

आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, यदि किसी को पथरी की समस्या है, तो वह पत्थरचट्टा के 2 से 3 पत्ते रोज सुबह खाली पेट चबाकर खाएं। इसके बाद एक गिलास गुनगुना पानी पी लें। लगातार 7 दिन तक इसका सेवन करने से पथरी धीरे-धीरे गलने लगती है और पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।

पत्थरचट्टा के 4 अन्य चमत्कारी फायदे:

1 .किडनी की सफाई करता है: पत्थरचट्टा किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करता है और मूत्र मार्ग से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।

2 .पेशाब में जलन और रुकावट में राहत: पेशाब करते समय जलन या बार-बार पेशाब रुकने जैसी समस्याओं में यह औषधि बहुत लाभकारी है।

3 .सूजन और जलन में राहत: आपको बता दें की इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और त्वचा में जलन जैसी समस्याओं में राहत दिलाते हैं।

4 .हाई ब्लड प्रेशर में सहायक: कुछ शोधों में पाया गया है कि पत्थरचट्टा का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है।

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