विवाह पंजीकरण की नई व्यवस्था की मुख्य बातें:
1. रक्त संबंधियों की उपस्थिति अनिवार्य
अब विवाह पंजीकरण के समय वर और वधू के माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी या बालिग संतान की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। यह प्रावधान विवाह की सत्यता को पुष्ट करने के लिए लागू किया गया है।
2. पुरोहित/विवाह कराने वाले की गवाही
विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित, मौलवी या अन्य व्यक्ति का एक शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि उन्होंने ही विवाह संपन्न कराया है। पंजीकरण अधिकारी आवश्यक समझें तो उनकी गवाही भी दर्ज कर सकते हैं।
3. पंजीकरण का स्थान
विवाह का पंजीकरण केवल उसी सहायक निबंधक कार्यालय में किया जाएगा, जहां के वर-वधू के माता-पिता स्थायी निवासी हैं। अपंजीकृत निवास प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।
4. बिना परिजन की सहमति वाले विवाह
यदि विवाह परिजनों की सहमति के बिना हुआ है, तो वर-वधू को विवाह संस्कार की वीडियो क्लिप एक पेन ड्राइव में जमा करनी होगी, जिससे विवाह की प्रमाणिकता की जांच की जा सके।
5. प्रमाणपत्र पर मुहर और सत्यापन
विवाह पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र के पीछे यह स्पष्ट उल्लेख होगा कि विवाह की प्रमाणिकता की जांच की गई है, और एक विशेष मुहर भी अंकित की जाएगी।
6. शपथ पत्र का विवरण और सुरक्षा
पुरोहित या विवाह कराने वाले के शपथ पत्र में निम्नलिखित जानकारियाँ अनिवार्य हैं: शपथकर्ता का नाम व पिता का नाम, स्थायी और वर्तमान पता, आधार कार्ड व अन्य वैध पहचान पत्र की प्रति, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो शपथ कि उसने ही विवाह संपन्न कराया है। इन शपथपत्रों को एक अलग पंजी में संरक्षित करना अनिवार्य होगा।
7. माहवार विवरण की अनिवार्यता
सभी सहायक निबंधक को हर महीने हुआ विवाह पंजीकरण का विवरण एआईजी स्टांप को देना होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पंजीकरण हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार हुए हैं।
0 comments:
Post a Comment