चकबंदी प्रक्रिया में प्रशासन की सक्रियता
सोमवार को कानूनगो लेखराज के नेतृत्व में पुलिस बल की सहायता से टीम ने गांव के विभिन्न हिस्सों में पैमाइश कराकर प्रस्तावित चक अनुसार कब्जा परिवर्तन कराया। इस दौरान जमीन की मेडबंदी (मेड़ निर्धारण) की प्रक्रिया भी सम्पन्न की गई। उल्लेखनीय है कि यह कदम कई वर्षों से लंबित पुराने विवादों को सुलझाने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
किसानों को मिली राहत
कई किसानों ने चकबंदी प्रक्रिया से मिली राहत को लेकर संतोष व्यक्त किया है। किसान भूप सिंह ने बताया कि उन्हें वर्षों से बकाया भूमि अब मिल गई है। वहीं, सुखराम ने कहा कि "कई सालों से जमीन नहीं मिली थी, लेकिन अब प्रशासन की ओर से मौके पर आकर पैमाइश कराकर भूमि दिलाई गई है।"
2002 से लंबित थी प्रक्रिया
उधरनपुर अजमतनगर गांव में चकबंदी की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह प्रक्रिया लटकी रही। वर्ष 2016 में एक बार कब्जा परिवर्तन किया गया था, लेकिन उस समय नदी की भूमि को चकबंदी से बाहर रखने के कारण विवाद और गहरा गया। परिणामस्वरूप कई मामले न्यायालय में लंबित हो गए।
अब बचे हैं केवल मामूली वाद
प्रशासन की हालिया कार्रवाई से अधिकांश विवादों का निस्तारण हो चुका है और अब केवल कुछ मामूली वाद शेष बचे हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आने वाले एक सप्ताह में शेष सभी मामलों का भी समाधान कर लिया जाएगा।
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