बिहार के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए बड़ा अपडेट

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के राजकीयकृत एवं परियोजना विद्यालयों में कार्यरत पुराने वेतनमान वाले सहायक शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर एक नई पहल की घोषणा की है। इस प्रक्रिया में कुल लगभग 66,433 शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि इस बार स्थानांतरण पूरी तरह पारस्परिक और ऐच्छिक होगा, जिससे शिक्षकों को अपनी सुविधानुसार स्थान परिवर्तन का विकल्प मिलेगा।

स्थानांतरण प्रक्रिया होगी ई-शिक्षा कोष पोर्टल से

स्थानांतरण के लिए आवेदन और प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से, यानी ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से संचालित होगी। इस पोर्टल पर सहायक शिक्षक और प्रधानाध्यापक अपनी सुविधा अनुसार पारस्परिक एवं ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह कदम स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए गए निर्देश

माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक जिले को पुराने वेतनमान वाले सहायक शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों की सूची तैयार करनी होगी, जो स्थानांतरण के इच्छुक हों। इस सूची में शिक्षकों के विस्तृत विवरण जैसे विद्यालय का नाम, यू-डायस कोड, नाम, पदनाम, ई-शिक्षा कोष पर दर्ज शिक्षक आईडी संख्या, जन्म तिथि, नियुक्ति तिथि, मोबाइल नंबर और अभ्युक्ति विवरण शामिल होंगे।

अंतिम तिथि और आवश्यक दस्तावेज़

जिला स्तर पर तैयार की गई सूचियाँ संबंधित एक्सेल शीट के रूप में 13 जून तक माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ई-मेल पर भेजी जानी हैं। इसके साथ ही इन सूचियों की प्रतिलिपि अपर राज्य परियोजना निदेशक और सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रिया सुचारु रूप से और समयबद्ध तरीके से पूरी हो।

पारस्परिक एवं ऐच्छिक स्थानांतरण से लाभ

इस नई नीति के तहत शिक्षकों को अपनी इच्छा अनुसार स्थानांतरण का विकल्प मिलने से वे अपने कार्यक्षेत्र को बेहतर तरीके से चुन सकेंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता और मनोबल दोनों में सुधार होगा। साथ ही, इससे प्रशासनिक स्तर पर भी कुशल एवं तटस्थ स्थानांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

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