बिहार में नक्शा स्वीकृत हुए बिना मकान निर्माण पर सख्ती

पटना। अवैध निर्माण पर नकेल कसने के लिए पटना नगर निगम (PMC) ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में पटना के बोरिंग रोड चौराहा के पास एक निर्माणाधीन भवन में बिना नक्शा स्वीकृति के बेसमेंट की खुदाई के दौरान मिट्टी खिसकने की घटना ने नगर निगम को सख्त कार्रवाई के लिए विवश किया है। इस घटना को देखते हुए अब नक्शा स्वीकृत कराए बिना मकान या व्यावसायिक इमारत बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बिना अनुमति के निर्माण पर कार्रवाई

नगर निगम के अनुसार, जिन लोगों ने केवल ऑनलाइन आवेदन देकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। निगम की शहरी योजना शाखा और संबंधित अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है जो यह सुनिश्चित करेगी कि निर्माण कार्य नक्शा स्वीकृति के पूर्व तो नहीं शुरू कर दिया गया है।

सभी अंचलों में सक्रिय होगी जांच टीम

नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के निर्देश पर पटना नगर निगम के छह प्रमुख अंचलों — पाटलिपुत्र, नूतन राजधानी, कंकड़बाग, बांकीपुर, पटना सिटी एवं अजीमाबाद — में जांच टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें स्थल निरीक्षण के साथ-साथ जियो टैग फोटो भी उपलब्ध कराएंगी ताकि प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके।

ऑनलाइन प्रक्रिया, सख्त निगरानी

पटना में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की ऑनलाइन ‘AutoMap’ प्रणाली लागू है। इस प्रणाली के तहत नागरिक आवेदन कर सकते हैं और निगम द्वारा स्थलीय जांच के बाद ही स्वीकृति दी जाती है। इस पारदर्शी प्रक्रिया का उद्देश्य भवन निर्माण नियमों (बिल्डिंग बायलाज) का पालन सुनिश्चित करना है।

नियमों की अनदेखी पर सख्त दंड

नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि जो व्यक्ति या बिल्डर सूचना छिपाकर, या नियमों की अनदेखी कर भवन निर्माण कर रहे हैं, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें निर्माण रोकने, जुर्माना लगाने या भवन गिराने तक की कार्रवाई शामिल हो सकती है।

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