लड़कों में वीर्य बनना कब शुरू होता है? रिसर्च में खुलासा

हेल्थ डेस्क। किशोरावस्था में शरीर में होने वाले बदलावों में एक अहम बदलाव है वीर्य का निर्माण। यह प्रक्रिया यौन परिपक्वता का संकेत होती है और किशोर को इसके बारे में वैज्ञानिक रूप से जानकारी होना ज़रूरी है। ताकि उनके किसी तरह की कोई समस्या न हो।

यौवन की शुरुआत: कब होती है?

लड़कों में यौवन (Puberty) सामान्यतः 9 से 14 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है। हालांकि यह आयु आनुवंशिक, पोषण और सामाजिक वातावरण के आधार पर कुछ आगे-पीछे हो सकती है। इस चरण में शरीर में हार्मोनल परिवर्तन तेज़ी से शुरू हो जाते हैं।

टेस्टोस्टेरोन की भूमिका

यौवन शुरू होते ही मस्तिष्क से निकलने वाला हार्मोन “गोनैडोट्रोपिन-रिलीज़िंग हार्मोन (GnRH)” पिट्यूटरी ग्रंथि को सक्रिय करता है, जो “ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH)” और “फोलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (FSH)” बनाती है। ये हार्मोन अंडकोष (testes) को सक्रिय करते हैं, जिससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन शुरू होता है।

वीर्य निर्माण कब शुरू होता है?

रिसर्च के अनुसार सामान्यतः 11 से 15 वर्ष की उम्र के बीच लड़कों में वीर्य बनना शुरू हो जाता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यौवन की प्रक्रिया किस उम्र में शुरू हुई। प्रारंभ में वीर्य का निर्माण सीमित मात्रा में होता है, और इसमें शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो सकती है। समय के साथ यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से विकसित होती है।

पहला "स्वप्नदोष"

वीर्य बनने की पुष्टि अक्सर पहली बार “स्वप्नदोष” (Wet Dream) के ज़रिए होती है, जो किशोर लड़कों में एक सामान्य व प्राकृतिक अनुभव है। यह तब होता है जब नींद में यौन उत्तेजना के कारण वीर्य स्खलन हो जाता है। सही जानकारी नहीं होने से कई बार लड़के डर तक जाते हैं।

सामाजिक और शैक्षिक पहलू

भारत जैसे देश में यौन शिक्षा को लेकर अब भी झिझक बनी हुई है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो किशोरों को यौन विकास और उससे जुड़ी सामान्य प्रक्रियाओं की जानकारी देना न केवल मानसिक रूप से उन्हें तैयार करता है, बल्कि उन्हें भ्रम और डर से भी बचाता है।

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