क्या है 'देवअस्त्र'?
‘देवअस्त्र’ कोई काल्पनिक अस्त्र नहीं, बल्कि एक अत्याधुनिक लेज़र हथियार प्रणाली है जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी यानी विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का उपयोग होता है, जो दुश्मन के टारगेट को बेहद सटीकता से दो किलोमीटर दूर तक खत्म कर सकता है।
इस प्रणाली का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (L&T) जैसी अग्रणी भारतीय रक्षा कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है। इसकी सक्रिय लेज़र बीम किसी भी टारगेट को बेहद तेज़ी और सटीकता से नष्ट कर सकती है, चाहे वह ड्रोन हो, कम ऊँचाई पर उड़ने वाला UAV या कोई और हवाई खतरा।
कैसे काम करता है DEW सिस्टम?
यह हथियार डायरेक्ट एनर्जी (Laser Beam) की मदद से टारगेट को पहचानता और उस पर हमला करता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह त्वरित प्रतिक्रिया देता है—ट्रिगर दबाते ही कुछ ही सेकंड में टारगेट भस्म। यह प्रणाली एक साथ कई टारगेट को पहचानकर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसके लिए गोला-बारूद की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे लॉजिस्टिक लागत भी कम होती है।
सस्ते, टिकाऊ और घातक प्रहार
पारंपरिक रक्षा प्रणालियों की तुलना में DEW सिस्टम न केवल किफायती है, बल्कि यह कम रख-रखाव, लंबी उम्र और तेज गति से काम करने के लिए जाना जाता है। इसमें रॉकेट या मिसाइल की तरह बार-बार खर्च नहीं करना पड़ता, क्योंकि इसका हथियार इसकी बिजली शक्ति ही है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम
भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के अंतर्गत यह तकनीक एक मील का पत्थर साबित हो रही है। DRDO और निजी कंपनियों की साझेदारी ने यह दिखा दिया है कि भारत अब केवल रक्षा आयातक नहीं, बल्कि एक उन्नत रक्षा निर्यातक बनने की राह पर है। इस प्रणाली के सफल परीक्षण के बाद अब इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन की योजना है।
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