केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार की बड़ी घोषणा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए यूपीएस (एकीकृत पेंशन योजना) चुनने की अंतिम तिथि 30 जून 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देशभर के हजारों केंद्रीय कर्मचारी, पेंशन व्यवस्था को लेकर दुविधा में थे। वित्त मंत्रालय ने 23 जून को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि यह निर्णय विभिन्न हितधारकों के अनुरोध पर लिया गया है।

क्या है यूपीएस (UPS)?

यूपीएस, यानी एकीकृत पेंशन योजना, 1 अप्रैल 2025 से लागू की गई एक नई पेंशन स्कीम है, जिसे सरकार ने एनपीएस के विकल्प के रूप में पेश किया है। यह योजना कर्मचारियों को सुनिश्चित मासिक पेंशन और सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त राशि प्रदान करती है। साथ ही इसमें ग्रेच्युटी लाभ भी शामिल है, जिससे इसे ज्यादा सुरक्षित और स्थिर माना जा रहा है।

किन कर्मचारियों को मिलेगा यूपीएस चुनने का मौका?

सरकार ने तीन श्रेणियों के कर्मचारियों को यूपीएस चुनने की पात्रता दी है:

1 .मौजूदा कर्मचारी – जो 1 अप्रैल 2025 तक सरकारी सेवा में हैं।

2 .पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारी – जो 31 मार्च 2025 तक रिटायर हो चुके हैं और कम से कम 10 साल की सेवा कर चुके हैं।

3 .मृतक सेवानिवृत्त कर्मचारी के वैध जीवनसाथी – जिन्हें पेंशन का कानूनी हक प्राप्त है। ऐसे लोग भी यूपीएस के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नए नियुक्त कर्मचारियों के लिए नियम:

जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 के बाद नियुक्त हो रहे हैं, उन्हें सरकारी सेवा में शामिल होने के 30 दिन के भीतर यूपीएस चुनना होगा। यह निर्णय एक बार लेने के बाद अपरिवर्तनीय होगा। अगर कर्मचारी समयसीमा में विकल्प नहीं चुनता है, तो उसे डिफॉल्ट रूप से NPS में शामिल माना जाएगा।

सरकार का उद्देश्य और कर्मचारियों को राहत:

सरकार ने यह विस्तार विभिन्न यूनियनों और कर्मचारियों के आग्रह पर किया है, जिससे उन्हें निर्णय लेने के लिए अधिक समय मिल सके। यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत की सांस जैसा है, जो एनपीएस की अस्थिरता से परेशान थे और एक स्थायी पेंशन विकल्प की तलाश में थे।

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