आत्मनिर्भर भारत: राफेल बनाने में टाटा करेगा मदद

नई दिल्ली: भारत में रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को सशक्त करते हुए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) अब भारत में राफेल लड़ाकू विमान के प्रमुख बॉडी पार्ट्स (फ्यूजलेज) का निर्माण करेगी।

यह पहल डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के साथ हुए चार प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट्स के तहत की जा रही है, जो पहली बार फ्रांस के बाहर किसी देश में राफेल के निर्माण से जुड़ी है। हैदराबाद में प्रस्तावित इस विश्व-स्तरीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद की जा रही है।

क्या होगा इस यूनिट में?

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा स्थापित की जा रही यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट राफेल के रियर फ्यूजलेज के साइड शेल, रियर सेक्शन, सेंट्रल फ्यूजलेज, और फ्रंट सेक्शन जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण बॉडी स्ट्रक्चर्स का निर्माण करेगी। इससे भारत में हाई-प्रिसिजन एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

पहली बार भारत से बाहर होगा फ्यूजलेज प्रोडक्शन

डसॉल्ट एविएशन के मुताबिक, फ्रांस के बाहर पहली बार किसी देश को राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेज निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इससे भारत वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।

इस डील से आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को बढ़ावा

यह डील आत्मनिर्भर भारत मिशन की दिशा में मील का पत्थर है। अब तक भारत ने राफेल विमान केवल फ्रांस से आयात किए थे, लेकिन अब उनके महत्वपूर्ण हिस्सों का निर्माण देश में होगा, जिससे देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता और रक्षा उत्पादन क्षमता में भारी इजाफा होगा।

इससे भारत में रोजगार और तकनीकी कौशल को मिलेगा बढ़ावा

हैदराबाद में बनने वाली यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट न केवल हजारों तकनीकी पेशेवरों को रोजगार देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को उच्च स्तरीय एयरोस्पेस तकनीक में प्रशिक्षण और अनुभव भी प्रदान करेगी। इससे भारत का स्किल बेस और तकनीकी अवसंरचना और भी मजबूत होगी।

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