हर उम्र में कितना BP होना चाहिए? बच्चों से बुज़ुर्गों तक

हेल्थ डेस्क। ब्लड प्रेशर (BP) यानी रक्तचाप, दिल की सेहत का अहम संकेतक है। यह दो संख्याओं से बना होता है: सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक (निचली संख्या)। सिस्टोलिक वह दबाव होता है जब दिल धड़कते समय रक्त को पंप करता है, जबकि डायस्टोलिक तब का दबाव होता है जब दिल विश्राम की अवस्था में होता है।

बता दें की बीपी का सामान्य स्तर उम्र के साथ बदलता है। बच्चों, युवाओं और बुज़ुर्गों में इसकी अलग-अलग रेंज होती है। अगर बीपी उम्र के अनुसार संतुलित न हो, तो यह दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।

बच्चों में सामान्य बीपी

बच्चों का बीपी उनकी उम्र, कद और वजन के अनुसार तय होता है। औसतन:

नवजात (0-1 माह): 60-90 / 30-60 mmHg

शिशु (1-12 माह): 80-100 / 50-65 mmHg

बच्चे (1-5 वर्ष): 90-110 / 55-75 mmHg

बड़े बच्चे (6-13 वर्ष): 95-115 / 60-80 mmHg

किशोर और युवा

14-18 वर्ष: 110-120 / 70-80 mmHg

19-25 वर्ष: 110-130 / 70-85 mmHg

इस आयु वर्ग में बीपी आमतौर पर स्थिर होता है, लेकिन तनाव, अनियमित दिनचर्या और खानपान में गड़बड़ी इसकी असंतुलन की वजह बन सकते हैं।

वयस्क (26-60 वर्ष)

सामान्य BP: 120/80 mmHg

Pre-hypertension: 120-139 / 80-89 mmHg

High BP (Stage 1): 140-159 / 90-99 mmHg

High BP (Stage 2): 160+ / 100+ mmHg

इस उम्र में नियमित जांच ज़रूरी है क्योंकि हाई बीपी बिना लक्षण के धीरे-धीरे अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

बुज़ुर्ग (60 वर्ष से ऊपर)

सामान्य रेंज: 130-140 / 80-85 mmHg

आपको बता दें की उम्र के साथ धमनियां कठोर हो जाती हैं, जिससे सिस्टोलिक बीपी बढ़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर कभी-कभी थोड़ा ऊँचा बीपी स्वीकार्य मानते हैं, लेकिन यह लगातार 150/90 से ऊपर न जाए, इसका ध्यान रखना चाहिए।

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