थलसेना के लिए नया युग
भारतीय थलसेना ने इन हेलीकॉप्टरों को संभालने के लिए 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन तैयार किया है, जो जोधपुर में स्थित है। सेना के एविएशन कोर ने अपनी ताकत को बढ़ाते हुए देशभर में तीन नई एविएशन ब्रिगेड बनाई हैं: मिसामारी (ईस्टर्न कमांड), लेह (नॉर्दर्न कमांड), जोधपुर (वेस्टर्न कमांड), इससे पहले थलसेना के पास अटैक हेलीकॉप्टर के रूप में केवल HAL का रूद्र और प्रचंड ही विकल्प थे। अब अपाचे के आने से थलसेना को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का, युद्ध सिद्ध अटैक प्लेटफॉर्म मिल गया है।
चीन और पाकिस्तान पर दबाव
अपाचे की तैनाती सीधे-सीधे पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए चिंता का विषय है। जोधपुर में तैनात अपाचे हेलीकॉप्टर पाकिस्तान की सीमा के बेहद करीब होंगे, जिससे किसी भी सैन्य तनाव की स्थिति में यह हेलीकॉप्टर तुरंत कार्रवाई में आ सकते हैं। वहीं, लेह और अरुणाचल प्रदेश जैसे इलाकों में भी इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती भविष्य में चीन को जवाब देने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
वायुसेना के बाद अब थलसेना को भी मिला अपाचे
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं, जो 2015 में हुई डील के तहत मिले थे। अब थलसेना को भी छह अपाचे मिल रहे हैं। सेना को उम्मीद है कि भविष्य में बाकी 11 अपाचे भी उसे मिलेंगे, जिससे उसका खुद का एक संपूर्ण अटैक स्क्वाड्रन तैयार हो सकेगा।
अपाचे: घातक हथियारों से लैस उड़ता दुश्मन
अपाचे AH-64E को दुनिया का सबसे एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है। इसमें लगे हथियार इसे किसी भी जमीनी या हवाई लक्ष्य को पलक झपकते खत्म करने की क्षमता देते हैं। इसकी मुख्य ताकतें हैं:
स्टींगर मिसाइलें: हवाई खतरों से निपटने की क्षमता
हेलफायर मिसाइल: 8 किमी तक सटीक निशाना
स्पाइक NLOS मिसाइल: 25 किमी तक मारक क्षमता
30 मिमी ऑटोमेटिक गन: टैंक, बंकर और बख्तरबंद वाहनों को मिनटों में ध्वस्त कर सकती है
नाइट ऑपरेशन के लिए एडवांस सेंसर सिस्टम: अंधेरे में भी मिशन को अंजाम देने की क्षमता। अपाचे 365 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है और इसकी ऑपरेशनल रेंज करीब 500 किलोमीटर है।
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