क्या है यह स्टील्थ मिसाइल?
DRDO एक अगली पीढ़ी की स्टील्थ एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल (ALCM) पर काम कर रहा है, जो सुपरसोनिक गति से उड़ान भरेगी और दुश्मन की नजरों से पूरी तरह बची रहेगी। यह मिसाइल अस्त्र Mk-III से प्रेरित एक नए प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसमें SFDR टेक्नोलॉजी यानी Solid Fuel Ducted Ramjet इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो इसे पारंपरिक मिसाइलों से कहीं अधिक उन्नत बनाता है।
SFDR टेक्नोलॉजी: मिसाइलों की अगली क्रांति
SFDR टेक्नोलॉजी वायुमंडलीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल करती है, जिससे मिसाइल को भारी ईंधन टैंक की जरूरत नहीं होती। इसकी रफ्तार और एयरोडायनामिक दक्षता बढ़ती है। यह मिसाइल रडार और इंफ्रारेड डिटेक्शन से आसानी से बच सकती है, क्योंकि इसकी थर्मल सिग्नेचर भी कम होती है। SFDR इंजन इसे लंबी दूरी तक और बेहद तेज़ी से उड़ने की क्षमता देता है। यानी यह एक स्टैंड-ऑफ वेपन बन जाती है – ऐसा हथियार जिसे दुश्मन की सीमा के बाहर से भी दागा जा सकता है।
फाइटर जेट की सुरक्षा, दुश्मन का विनाश
यह स्टील्थ ALCM मिसाइल किसी भी फाइटर जेट से लॉन्च की जा सकेगी और लंबी दूरी से सटीक हमले कर सकेगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि: पायलट को दुश्मन के इलाके में घुसने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, जेट और पायलट की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, इससे बिना नजर आए दुश्मन के अहम ठिकानों को निशाना बनाया जा सकेगा।
आने वाला समय: 'देखे बिना तबाही' का युग
दुनिया भर में स्टील्थ टेक्नोलॉजी रक्षा क्षेत्र में "गेम चेंजर" मानी जा रही है। अमेरिका, रूस और चीन जैसी ताक़तें पहले ही इस दिशा में आगे बढ़ चुकी हैं। भारत का यह कदम न सिर्फ आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक मजबूत कड़ी है, बल्कि यह रणनीतिक संतुलन को भारत के पक्ष में झुका सकता है।
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