भारत बना रहा 'समुद्र का दैत्य': दुश्मनों की उड़ी नींद

नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा रणनीति अब केवल जमीन और आसमान तक सीमित नहीं रही है। अब हिंद महासागर की गहराइयों में भी दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने की तैयारी जोरों पर है। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) एक अत्याधुनिक हेवी वेट टॉरपीडो (HWT) विकसित कर रहा है, जो समुद्र के भीतर दुश्मनों को सैकड़ों किलोमीटर दूर से भी तबाह कर सकता है।

DRDO की अंडरवाटर वॉरफेयर में छलांग

DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा यह नेक्स्ट-जेनरेशन HWT भारत को अंडरवाटर वॉरफेयर में एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। फिलहाल भारतीय नौसेना के पास जो टॉरपीडो हैं, उनकी रेंज आमतौर पर 40-50 किलोमीटर तक सीमित है। लेकिन नया टॉरपीडो 120 से 150 किलोमीटर तक दुश्मन के टारगेट को निशाना बना सकेगा — जो एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

क्या होगा इस एडवांस टॉरपीडो में खास?

1. नई प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी

मौजूदा टॉरपीडो आमतौर पर इंटरनल बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक मोटरों का इस्तेमाल करते हैं, जिनकी स्पीड और रेंज सीमित होती है। लेकिन नया HWT एक हाइब्रिड प्रोपल्शन सिस्टम या पूरी तरह से नया प्रोपल्शन मैकेनिज्म अपनाएगा, जो स्पीड, एंड्योरेंस और लॉन्ग-रेंज टारगेटिंग में क्रांति ला सकता है।

2. रियल-टाइम गाइडेंस सिस्टम

इस एडवांस टॉरपीडो की एक और बड़ी खासियत है इसका गाइडिंग सिस्टम। यह केवल लॉन्चिंग सबमरीन पर निर्भर नहीं रहेगा। इसमें मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट (MPA) और सैटेलाइट्स से रियल-टाइम डाटा लिंक होगा, जिससे यह चलते टारगेट्स को भी ट्रैक और एंगेज कर सकेगा।

3. AI और स्मार्ट नेविगेशन

ऐसे टॉरपीडो में आधुनिक सेंसर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निर्णय क्षमता को भी शामिल किया जा सकता है, जिससे यह अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं से खुद बच सकता है और दुश्मन के झांसे में नहीं आएगा।

नौसेना की ताकत को मिलेगा बूस्ट

यह नया टॉरपीडो भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा। इसकी लंबी रेंज, हाई स्पीड, रियल-टाइम गाइडेंस और अत्याधुनिक प्रोपल्शन सिस्टम इसे दुनिया के सबसे घातक अंडरवॉटर हथियारों की कतार में ला खड़ा करेगा।

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