रोज खाएं 'अलसी' के बीज: इन 6 बीमारियों को कहें अलविदा

हेल्थ डेस्क। आयुर्वेद अलसी के स्वास्थ्य लाभों को मान्यता देते हैं। छोटे दिखने वाले ये बीज पोषक तत्वों का खजाना हैं, जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, लिगनन, प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट्स और कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं। अगर आप इन्हें रोज़ अपनी डाइट में शामिल करें, तो ये कई गंभीर बीमारियों से सुरक्षा देने में मदद कर सकते हैं।

1. डायबिटीज

अलसी के बीज में घुलनशील फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण की गति को धीमा कर देता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। कई शोधों में यह पाया गया है कि अलसी टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकती है।

2. हाई ब्लड प्रेशर

ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और पोटैशियम से भरपूर अलसी के बीज रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करते हैं और ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से हृदय रोगों का खतरा भी घटता है।

3. हाई कोलेस्ट्रॉल

अलसी के बीज शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद लिगनन और फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

4. कब्ज और पाचन समस्याएं

अलसी का बीज फाइबर का बेहतरीन स्रोत है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। यह मल त्याग को आसान बनाता है और कब्ज जैसी समस्या से राहत दिलाता है।

5. हृदय रोग (हार्ट डिजीज)

अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स धमनियों में प्लाक बनने से रोकते हैं, जिससे हृदय की सेहत बेहतर रहती है। इसके नियमित सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी स्थितियों का खतरा कम होता है।

6. हॉर्मोनल असंतुलन और महिलाओं की समस्याएं

अलसी में मौजूद लिगनन एस्ट्रोजेन जैसे होते हैं, जो महिलाओं में हॉर्मोन बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं। यह पीरियड्स की अनियमितता, मेनोपॉज़ और PCOS जैसी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है।

अलसी का सेवन कैसे करें?

पिसी हुई अलसी सबसे अच्छा विकल्प होती है, क्योंकि साबुत बीज अच्छे से पच नहीं पाते। 1–2 चम्मच पिसी हुई अलसी को दही, स्मूदी, दलिया या सलाद में मिलाकर लें।

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