यूपी के 500 से अधिक बिल्डरों को नोटिस, मचा हड़कंप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर सुर्खियों में है। राज्य के 500 से अधिक बिल्डरों को राज्य जीएसटी (SGST) विभाग की ओर से नोटिस भेजे गए हैं। वजह है—फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) की खरीद पर संभावित 18 प्रतिशत जीएसटी की वसूली। इससे रियल एस्टेट उद्योग में हड़कंप मच गया है, क्योंकि FAR खरीद पर टैक्स को लेकर अब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं और मामला जीएसटी काउंसिल के विचाराधीन है।

क्या है एफएआर (FAR)?

एफएआर, यानि फ्लोर एरिया रेशियो, वह अनुपात होता है जो किसी जमीन पर कुल कितना निर्माण किया जा सकता है, यह तय करता है। बिल्डर इसे विभिन्न विकास प्राधिकरणों (जैसे KDA, LDA, आदि) से खरीदते हैं। यह निर्माण की योजना में एक महत्वपूर्ण घटक होता है और इसे खरीदने पर अब जीएसटी लगाने की तैयारी हो रही है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें की कानपुर, लखनऊ, नोएडा, आगरा, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़ समेत यूपी के विभिन्न शहरों के बिल्डरों को SGST विभाग ने नोटिस भेजे हैं। विशेष रूप से कानपुर के 50 से अधिक बिल्डर रडार पर हैं। सभी बिल्डरों से कहा गया है कि वे 30 दिनों के भीतर एफएआर से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज विभाग को सौंपें।

अस्पताल और होटलों को भी नोटिस:

आपको बता दें की सिर्फ रिहायशी नहीं, बल्कि निजी अस्पताल और होटल निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट्स को भी नोटिस भेजा गया है. 

बिल्डरों और विशेषज्ञों की आपत्ति

इस मामले में जीएसटी विशेषज्ञ धर्मेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि एफएआर पर टैक्स लगाने को लेकर अभी तक जीएसटी काउंसिल ने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में इस मुद्दे पर स्पष्टता के अभाव में बिल्डरों को नोटिस भेजना न्यायसंगत नहीं लगता। उनका कहना है कि यदि विभाग ने टैक्स वसूल भी लिया और बाद में काउंसिल ने इसे टैक्स-फ्री घोषित कर दिया, तो विभाग को वह टैक्स वापस करना पड़ेगा – जिससे कानूनी और वित्तीय जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।

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