1. मूत्राशय (ब्लैडर) पर दबाव बढ़ना
जब आप पेशाब रोकते हैं तो मूत्राशय में यूरिन जमा होता रहता है, जिससे ब्लैडर पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। यह दबाव धीरे-धीरे ब्लैडर की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे पेशाब की समस्या हो सकती है।
2. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा
पेशाब रोकने से मूत्राशय में बैक्टीरिया पनपने का मौका मिलता है। यूरिन का नियमित रूप से बाहर न निकलना संक्रमण को बढ़ावा देता है, जिससे पेशाब के दौरान जलन, दर्द और बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।
3. किडनी पर असर
अगर पेशाब बार-बार रोकने की आदत बनी रहे तो यूरिन वापस किडनी की ओर जा सकता है, जिससे किडनी में सूजन और संक्रमण हो सकता है। गंभीर मामलों में इससे किडनी फेलियर का खतरा भी बढ़ सकता है।
4. मूत्राशय की सूजन और चोट
मूत्राशय में लगातार यूरिन जमा होने से उसकी दीवारें फैल जाती हैं और सूजन हो सकती है। इससे मूत्राशय की क्षमता प्रभावित होती है और पेशाब नियंत्रित करने में दिक्कत आने लगती है।
5. पेशाब की आदतों में बदलाव
लगातार पेशाब रोकने से मूत्राशय की संवेदनशीलता प्रभावित होती है, जिससे पेशाब का नियंत्रण बिगड़ता है। कुछ लोगों को अचानक पेशाब आना या रुकना मुश्किल हो सकता है।
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