यूपी में माता सती के 5 शक्तिपीठ: आस्था का अद्भुत संगम

धर्म डेस्क। भारतवर्ष में देवी शक्ति की उपासना प्राचीन काल से होती आ रही है। पुराणों और शास्त्रों में देवी के शक्तिपीठों का विशेष महत्व बताया गया है। देवी पुराण के अनुसार, देवी सती के शरीर के खंड जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। इन शक्तिपीठों को शक्ति और भक्ति का केंद्र माना जाता है।

देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों, देवी भागवत में 108, देवी गीता में 72, और तंत्र चूड़ामणि में 52 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है। इन शक्तिपीठों में से कुछ भारत के बाहर — पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और तिब्बत — में भी स्थित हैं।

भारत में कुल 42 शक्तिपीठ, जबकि उत्तर प्रदेश में माता सती के 5 प्रमुख शक्तिपीठ स्थित हैं। ये न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हैं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं यूपी में मौजूद इन पांच प्रमुख शक्तिपीठों के बारे में:

1. श्री उमा शक्तिपीठ, वृंदावन (मथुरा)

वृंदावन में स्थित यह शक्तिपीठ भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित है। मान्यता है कि यहां माता सती के केशों का गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे। इस शक्तिपीठ को उमा देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। 

2. रामगिरि शक्तिपीठ, चित्रकूट

चित्रकूट के पास स्थित रामगिरि वह पवित्र स्थल है, जहां मान्यता है कि माता सती का वक्ष गिरा था। यहां देवी को शिवानी के नाम से भी पूजा जाता है। यह मंदिर भक्तों से खचाखच भरा रहता है। यह स्थान धार्मिक ही नहीं, प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी अत्यंत रमणीय है।

3. विशालाक्षी शक्तिपीठ, वाराणसी

यह शक्तिपीठ मणिकर्णिका घाट के पास स्थित है। देवी पुराण के अनुसार, यहां माता सती की मणिकर्णिका (कान की मणि) गिरी थी। देवी यहां विशालाक्षी और मणिकर्णिका रूप में पूजित हैं। यह वाराणसी के सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है। गंगा के किनारे स्थित यह शक्तिपीठ एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

4. पंचसागर शक्तिपीठ, वाराणसी

हालांकि इस शक्तिपीठ का सटीक स्थान आज भी रहस्य बना हुआ है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती की निचली दाढ़ (दंतपंक्ति) गिरी थी। देवी का नाम यहां वाराही बताया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह शक्तिपीठ भी वाराणसी में ही स्थित माना जाता है।

5. प्रयाग शक्तिपीठ, प्रयागराज

संगम तट पर स्थित यह शक्तिपीठ अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती की हस्तांगुली (हाथ की उंगली) गिरी थी। प्रयागराज में तीन स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाता है: ललिता देवी मंदिर, कल्याणी देवी मंदिर, और अलोपी देवी धाम। माना जाता है कि संगम में स्नान करने के बाद इन शक्तिपीठों के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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