इस कदम से राज्य में बीएड की पढ़ाई कराने वाले फर्जी और नियमों के विरुद्ध काम कर रहे संस्थानों पर लगाम कसने की कोशिश की गई है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय मिश्रा ने भी इस कार्रवाई की पुष्टि की है। इसलिए सभी को इसकी जानकारी होनी चाहिए।
देशभर में 2200 कॉलेजों पर कार्रवाई
NCTE ने यह कार्रवाई केवल यूपी तक सीमित नहीं रखी, बल्कि देशभर में 2200 से अधिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है। यह निर्णय उन संस्थानों पर लागू हुआ जो बीएड, एमएड और बीपीएड जैसे कोर्स चलाते थे, लेकिन परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) NCTE को समय पर नहीं दे सके। NCTE एक्ट 1993 की धारा 17(1) के तहत इन संस्थानों को पहले नोटिस जारी किए गए। तय सीमा तक रिपोर्ट न देने और जवाब संतोषजनक न होने की स्थिति में मान्यता समाप्त करने का फैसला लिया गया।
डमी कॉलेजों और फर्जी नामांकन पर शिकंजा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू होने के बाद शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर बढ़ा है। इसी के तहत NCTE ने पाया कि कई कॉलेज सिर्फ नामांकन दिखाकर मान्यता बनाए हुए थे, जबकि उनके पास ना तो पर्याप्त आधारभूत ढांचा था, न ही योग्य शिक्षक। जांच में सामने आया कि कुछ कॉलेजों में छात्रों की वास्तविक उपस्थिति नगण्य थी और संस्थान केवल कागज़ों पर चल रहे थे। ऐसे डमी कॉलेजों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई हो रही है।
प्रभाव और आगे की प्रक्रिया
70 कॉलेजों की मान्यता रद्द होने से डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएड सीटों में उल्लेखनीय कमी आएगी। वहीं, विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य कॉलेजों की भी जांच चल रही है, जिससे आगे और मान्यताएं रद्द हो सकती हैं। NCTE की इस कार्रवाई को शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता और उच्च मानक तय होंगे।
0 comments:
Post a Comment