1. वेतन में वृद्धि
फ़िटमेंट फैक्टर वह गणितीय गुणांक है जिसके माध्यम से पुराने वेतन को नए वेतन में बदला जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फ़ैक्टर 2.57 था। 8वें आयोग में इसे 2.86 या अधिक किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे कर्मचारियों के बेसिक वेतन में बड़ा उछाल देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, मौजूदा ₹18,000 की न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर ₹26,000 से ₹28,000 तक हो सकती है।
2. पेंशन में बड़ा सुधार
पेंशनभोगियों के लिए यह आयोग विशेष राहत लेकर आ सकता है। फ़िटमेंट फैक्टर की तर्ज़ पर बेसिक पेंशन में भी वृद्धि होगी। ₹9,000 की वर्तमान न्यूनतम पेंशन बढ़कर ₹25,000 से अधिक हो सकती है। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके साथ ही पारिवारिक पेंशन और महंगाई समायोजन में भी वृद्धि की संभावना है।
3. महंगाई भत्ता (DA) की नई गणना
वर्तमान में DA का निर्धारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित होता है। 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद DA दर को शून्य (0%) से रीसेट किया जाएगा। इसके बाद इसे नए वेतन ढांचे पर दुबारा गणना किया जाएगा।यह प्रक्रिया वेतन संरचना को अधिक पारदर्शी और यथार्थपरक बनाएगी, जिससे कर्मचारियों को वास्तविक महंगाई का लाभ मिलेगा।
4. भत्तों में संशोधन: HRA, TA समेत
सिर्फ बेसिक वेतन ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े सभी प्रमुख भत्तों में भी संशोधन होगा: House Rent Allowance (HRA), Travel Allowance (TA), मेडिकल भत्ते और अन्य सहायक लाभ। नया वेतन ढांचा इन सभी भत्तों को बढ़े हुए बेसिक पे के अनुपात में निर्धारित करेगा, जिससे कर्मचारियों की कुल मासिक आय में पर्याप्त वृद्धि होगी।
5. यूनिफाइड पेंशन स्कीम में OPS जैसी सुविधाएँ
सरकार ने हाल ही में Unified Pension Scheme (UPS) का प्रस्ताव रखा है, जो नई पेंशन योजना (NPS) में कार्यरत कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) जैसी सुविधाएँ प्रदान करेगा। नए वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारी Unified Pension Scheme (UPS) का लाभ उठा सकेंगे।
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